Advertisment

Birthday Special: संजय दत्त की जिंदगी फिल्मी कहानी से कम नहीं, चमकते सितारे के जीवन में कई दिलचस्प कहानियां

बॉलीवुड के 'बाबा' संजय दत्त की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। उनकी दमदार एक्टिंग ने लाखों लोगों का दिल जीता है। हर चमकते सितारे के जीवन में कई दिलचस्प कहानियां होती हैं। एक छोटी सी गलती के कारण लता मंगेशकर के सामने शर्मिंदा होना पड़ा था।

author-image
YBN News
Sanjaydutt

Sanjaydutt Photograph: (ians)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

मुंबई,आईएएनएस। बॉलीवुड के 'बाबा' संजय दत्त की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। वह आज बॉलीवुड के सबसे बड़े स्टार्स में से एक हैं। उनकी दमदार एक्टिंग और बेहतरीन अंदाज ने लाखों लोगों का दिल जीता है। हर चमकते सितारे के जीवन में कई दिलचस्प कहानियां होती हैं। ऐसे ही संजय के बचपन की एक घटना है, जब उन्हें एक छोटी सी गलती के कारण स्वर कोकिला लता मंगेशकर के सामने शर्मिंदा होना पड़ा था। 

जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं

संजय दत्त का जन्म 29 जुलाई 1959 को एक फिल्मी परिवार में हुआ था। उनके पिता सुनील दत्त और मां नरगिस दोनों ही मशहूर कलाकार थे। बचपन में संजय को म्यूजिक का बड़ा ही शौक था। वह स्कूल की बैंड में सबसे पीछे ड्रम बजाते हुए चलते थे। उनकी बहन प्रिया दत्त ने एक टीवी शो में बताया था कि संजय को सिर्फ़ एक ही तरह का स्कूल ड्रम बजाना आता था।

1971 में भारत और पाकिस्तान के युद्ध के बाद

1971 में भारत और पाकिस्तान के युद्ध के बाद कलाकारों का एक समूह बांग्लादेश जाकर वहां के सैनिकों और आम जनता के लिए शो करने वाला था। सुनील दत्त भी उस ग्रुप में थे। उस वक्त संजय दत्त की उम्र महज 12-13 साल की थी, जब इस बात का पता उन्हें चला तो उन्होंने भी पिता से बांग्लादेश जाने की जिद की। इस पर सुनील दत्त ने पहले संजय को मना किया और कहा कि वहां वही कलाकार जा रहे हैं, जो गा सकते है, बजा सकते है या कोई कला दिखा सकते हैं। इस पर संजय ने तुरंत जवाब देते हुए कहा, 'मैं बोंगो बजाऊंगा!'

संजय शर्म से पानी-पानी हो गए

संजय की जिद के आगे आखिरकार पिता को झुकना पड़ा और वह उन्हें अपने साथ ले गए। जब शो का दिन आया तो मंच परलता मंगेशकर अपनी जादुई आवाज में गा रही थीं। पूरा माहौल शांत और भावुक था। इस दौरान संजय दत्त ने बोंगो बजाना शुरू कर दिया। बोंगो की गड़बड़ती लय ने लता जी का ध्यान भटकाया और उन्होंने अचानक पीछे मुड़कर देखा कि ये कौन बोंगो बजा रहा है? तब मासूमियत भरे अंदाज में संजय पीछे खड़े थे। लता जी को देख संजय शर्म से पानी-पानी हो गए। ये पल उनके लिए ऐसा था जिसे वह कभी नहीं भूल सके। इस किस्से को खुद सुनील दत्त ने फारुक शेख को दिए एक टीवी इंटरव्यू में सुनाया था।

Advertisment

फिल्मी करियर बहुत ही दिलचस्प

संजय दत्त का फिल्मी करियर बहुत ही दिलचस्प और उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। उन्होंने 1981 में फिल्म 'रॉकी' से अपने अभिनय की शुरुआत की, जिसे उनके पिता सुनील दत्त ने निर्देशित किया था। इसके बाद उन्होंने 'साजन', 'खलनायक', 'वास्तव' और "कांटे' जैसी फिल्मों में दमदार अभिनय निभाते हुए अपनी अलग पहचान बनाई। लेकिन लोकप्रियता उन्हें फिल्म 'वास्तव' से मिली। इसके लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था।

स्टाइल की वजह से 'संजू बाबा' नाम

उन्होंने फिल्मों में कई अलग-अलग तरह के किरदार निभाए। वह कभी प्रेमी बने, तो कभी खतरनाक गैंगस्टर की भूमिका में दिखे। उनके स्टाइल की वजह से उन्हें 'संजू बाबा' के नाम से बुलाया जाने लगा। लेकिन उनका जीवन फिल्मों जितना आसान नहीं था। 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों के मामले में संजय दत्त का नाम आया। उस वक्त उन पर आरोप लगे कि उन्होंने अपने घर पर हथियार रखे थे, जो उन धमाकों में इस्तेमाल हो सकते थे। संजय ने हमेशा कहा कि वह ऐसा नहीं करना चाहते थे और केवल अपने परिवार की सुरक्षा के लिए हथियार रखे थे। इस मामले की वजह से उन्हें कई साल जेल में बिताने पड़े और 2016 में जेल से रिहा हुए।

जिंदगी में नशे की आदत भी एक संघर्ष

इसके अलावा, संजय दत्त की जिंदगी में नशे की आदत भी एक बड़ा संघर्ष रही। कई इंटरव्यूज में उन्होंने खुद कबूल किया कि वह ड्रग्स के आदी हो गए थे। लेकिन इलाज के बाद उन्होंने नशे से छुटकारा पाया। उनकी इस लड़ाई को देखकर कई लोग प्रेरित हुए।

Advertisment

फैंस की पसंदीदा फिल्मों में

फैंस की पसंदीदा फिल्मों में 'मुन्ना भाई एमबीबीएस' और 'लगे रहो मुन्ना भाई' शामिल हैं। 2022 में रिलीज हुई 'केजीएफ: चैप्टर 2' में उनका 'अधीरा' किरदार काफी चर्चा में रहा; इस किरदार ने उन्हें साउथ इंडस्ट्री में पहचान दिलाने में मदद की। उन्होंने 'शमशेरा', 'सम्राट पृथ्वीराज', और 'लियो' जैसी फिल्मों में भी अहम भूमिकाएं निभाईं। इसके अलावा, उन्होंने प्रोडक्शन में भी हाथ आजमाया और 'प्रस्थानम' जैसी फिल्म को प्रोड्यूस किया। संजय दत्त का करियर कभी एक सीध में नहीं चला, लेकिन हर गिरावट के बाद उन्होंने और मजबूत होकर वापसी की। वह आज भी फिल्मों में सक्रिय हैं और उनकी झोली में कई बड़े प्रोजेक्ट्स हैं।

Advertisment
Advertisment