लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता । उत्तर प्रदेश की पुलिस व्यवस्था को न सिर्फ आधुनिकता से लैस किया जा रहा है, बल्कि उसकी गौरवशाली विरासत को भी संरक्षित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रदेश में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुए जनता को सुरक्षित वातावरण देने के साथ-साथ, पुलिस बल को सुविधाजनक आवास, स्वास्थ्य, फिटनेस और गौरव बोध से भी जोड़ा जा रहा है। इसी क्रम में पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार के दिशा-निर्देशन में प्रदेश की 27 PAC वाहिनियों में भव्य संग्रहालयों का निर्माण कराया गया है।
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पुलिस की विरासत को सहेजने की पहल
डीजीपी के निर्देश पर बनवाए गए इन संग्रहालयों का उद्देश्य केवल पुलिस विभाग के इतिहास को संजोना नहीं, बल्कि भावी पीढ़ियों को विभाग की गौरवगाथा से अवगत कराना भी है। प्रदेश की 33 PAC वाहिनियों में से अब तक 27 में ये संग्रहालय पूरी तरह तैयार हो चुके हैं। संग्रहालयों में निम्नलिखित पहलुओं को संजोया गया है:
उत्तर प्रदेश पुलिस का ऐतिहासिक विकास और गौरवगाथा
-समय-समय पर वर्दी में हुए परिवर्तन
-पारंपरिक से लेकर आधुनिकतम अस्त्र-शस्त्र और उपकरण
-शहीद हुए पुलिसकर्मियों की स्मृति में चित्र और विवरण
-विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के छायाचित्र एवं योगदान
-यह संग्रहालय न केवल पुलिसकर्मियों बल्कि आम नागरिकों के लिए भी खुले रहेंगे, जिससे जनता पुलिस की सेवाओं और उनके संघर्ष को नजदीक से समझ सकेगी।
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आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे प्रशिक्षण और आवास केंद्र
पुलिस बल की फिटनेस और प्रशिक्षण को प्राथमिकता देते हुए डीजीपी श्री प्रशांत कुमार ने प्रदेश की सभी PAC वाहिनियों, विभिन्न इकाइयों, प्रशिक्षण केन्द्रों और सात नवगठित पुलिस लाइंस में निम्न बुनियादी सुविधाएं स्थापित करने के निर्देश दिए हैं:
-आउटडोर स्टेडियम – परेड और खेल गतिविधियों के लिए
-इनडोर जिमनेजियम हॉल – फिटनेस एवं शारीरिक अभ्यास हेतु
-संग्रहालय हॉल – विभागीय इतिहास और स्मृतियों का संरक्षण
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उपलब्ध भूमि के आधार पर शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा
इन निर्माण कार्यों को परेड ग्राउंड और उपलब्ध भूमि के आधार पर शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा, जिससे उत्तर प्रदेश पुलिस को एक सुनियोजित, सुसज्जित और सशक्त संगठन में परिवर्तित किया जा सके।उत्तर प्रदेश पुलिस अब केवल अपराध नियंत्रण और कानून-व्यवस्था तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि उसकी पहचान एक सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्रेरणादायक संस्था के रूप में भी उभर रही है। डीजीपी द्वारा की गई यह पहल निश्चित रूप से पुलिस बल की कार्यकुशलता, मनोबल और सामाजिक छवि को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।