लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के शिक्षक डॉ. रविकांत चंदन की सोशल मीडिया पोस्ट पर विवाद खड़ा हो गया है। डॉ. चंदन ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि "मुस्कान और सोनम रघुवंशी जैसी महिलाएं संघी विचार की उपज हैं। आज अगर महिलाएं अपने पतियों की हत्या करवा रही हैं तो इसके लिए आरएसएस की मानसिकता जिम्मेदार है।" इस बयान को लेकर एबीवीपी की लखनऊ विश्वविद्यालय इकाई ने कड़ा ऐतराज जताया है।
कार्यवाही की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए तत्काल कार्यवाही की मांग की। एबीवीपी लखनऊ महानगर के सहमंत्री जतिन शुक्ला ने कहा कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब डॉ. चंदन ने इस प्रकार की नफरत भरी टिप्पणी की है। इससे पहले भी उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर बेहद आपत्तिजनक बातें कही थीं।
पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
जतिन शुक्ला ने आरोप लगाया कि डॉ. चंदन ने पूर्व में यह कहा था कि "जब महिलाएं गंगा स्नान के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर में आरती करने जाती थीं, तो गर्भगृह के पुजारी उनके साथ व्यभिचार करते थे। इसी से आहत होकर औरंगजेब ने मंदिर को तुड़वाकर वहां मस्जिद बनवाई।" इस तरह के बयानों से न केवल धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं बल्कि समाज में वैचारिक जहर भी फैलता है।
क्लास में भी करते हैं भड़काऊ बातें
एबीवीपी के विश्वविद्यालय इकाई उपाध्यक्ष नीतीश सिंह ने कहा कि डॉ. चंदन कक्षा में भी छात्रों के बीच नफरत फैलाने वाले विचार रखते हैं। उन्होंने कहा कि जिस विश्वविद्यालय में भाऊराव देवरस जैसे राष्ट्रनायक ने शिक्षा प्राप्त की हो, वहां के शिक्षक द्वारा संघ पर इस तरह की टिप्पणी अत्यंत निंदनीय है। सह मंत्री साक्षी सिंह ने कहा कि डॉ. चंदन ने पहले भी महिलाओं को लेकर विवादित टिप्पणी की थी और इस बार फिर संघ को बदनाम करने के लिए महिलाओं को माध्यम बनाया है। उन्होंने कहा कि यह न केवल संघ का बल्कि महिलाओं का भी अपमान है।
निष्पक्ष जांच समिति गठित की जाए
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से मांग की कि इस मामले में तुरंत संज्ञान लेते हुए एक निष्पक्ष जांच समिति गठित की जाए और जांच पूरी होने तक डॉ. चंदन को निलंबित किया जाए। दोष सिद्ध होने की स्थिति में उन्हें विश्वविद्यालय से निष्कासित किया जाए। इसके साथ ही भविष्य में ऐसी अनुशासनहीनता रोकने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। ज्ञापन देने के दौरान एबीवीपी के रिसर्च स्कॉलर विनीत दुबे, अतुल अवस्थी, शिवेंद्र पांडे, अर्पित शुक्ला, अभिषेक सिंह, अभय शंकर पांडे समेत कई कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में मांग की कि विश्वविद्यालय की गरिमा बनाए रखने के लिए ऐसे शिक्षकों पर कठोर कार्यवाही जरूरी है।
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