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Ahmedabad Plane Crash: उड़ान में बाधक बन रहीं ऊंची ईमारतें, एयरपोर्ट के एतराज के बाद भी एलडीए खामोश

सर्वे के बाद, कई भवनों को मानकों के खिलाफ पाया गया है और एलडीए ने उन्हें चिन्हित किया है। मगर कार्रवाई जीरो है। स्थिति यह है कि 20 किलोमीटर तो दूर की बात है दो किलोमीटर में स्थाई निर्माण हो चुके हैं।

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Anupam Singh
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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। अहमदाबाद एयरपोर्ट के आसपास अगर ऊंची इमारतें ना होती तो शायद इतनी कैजुअल्टी भी नहीं होती। बावजूद इसके लखनऊ एयरपोर्ट प्रशासन एक बार नहीं, कई बार लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) को पत्र लिखकर चेता चुका है कि एयरपोर्ट के आसपास बनी ऊंची इमारतें और लगे मोबाइल टावर उसकी उड़ानों में व्यवधान उत्पन्न करते हैं। बावजूद इसके एलडीए खामोश है। जबकि एक बार सर्वे भी कराया गया था जिसमें कुछ ऊंची इमारत को तोड़ने का आदेश भी हुआ था मगर एलडीए के अफसरों ने आज दिन तक कुछ नहीं किया। लगता है एलडीए को भी अहमदाबाद की तरह किसी बड़े हादसे का इंतजार है।

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50 घरों को तोड़ने का नोटिस देकर एलडीए भूला

लखनऊ एयरपोर्ट के रेड जोन में बने घरों को लेकर चिंता बढ़ रही है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने करीब 50 भवनों को तोड़ने का नोटिस दिया है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

लखनऊ से प्रतिदिन 150 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय होती हैं उड़ाने

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यह एयरपोर्ट हर दिन लगभग 150 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संभालता है। यहां एयरबस 320 और बोइंग जैसे बड़े विमान उतरते हैं, जिनके लिए 2700 मीटर लंबा रनवे है। खास बात यह है कि सऊदी एयरलाइन का एक विशेष विमान, एयरबस 330, भी यहां उतरता है, जिसके लिए खास सुरक्षा इंतजाम किए जाते हैं।

सर्वे में 413 से 460 फीट की इमारतें, मोबाइल फोन टावर, कैमरा पोल व पेड़ 

एक नए सर्वे में एयरपोर्ट के रेड जोन में कई ऊंची इमारतें और टावरें मिली हैं। इनमें 413 से 460 फीट की इमारतें, मोबाइल फोन टावर, कैमरा पोल और पेड़ शामिल हैं। कमेटी ने पाया कि स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया का एक हिस्सा भी 447 फीट ऊंचा है। इसके अलावा, 450 फीट से अधिक ऊंचाई वाली दो दर्जन से ज्यादा बिल्डिंगें बिना एयरपोर्ट की अनुमति के बन गई हैं। 

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एयरपोर्ट के 20 किमी. दायरे में निर्माण के लिए एनओसी है जरूरी

एयरपोर्ट के 20 किमी के दायरे में किसी भी निर्माण के लिए एनओसी जरूरी है, मगर कई विभागों की मंजूरी के बावजूद एयरपोर्ट प्रशासन की अनुमति नहीं ली गई है। खासतौर पर औरंगाबाद जागीर के पास तेजी से बिना अनुमति के निर्माण हो रहा है। सर्वे के बाद, कई भवनों को मानकों के खिलाफ पाया गया है और एलडीए ने उन्हें चिन्हित किया है। मगर कार्रवाई जीरो है। स्थिति यह है कि 20 किलोमीटर तो दूर की बात है दो किलोमीटर में स्थाई निर्माण हो चुके हैं।

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