लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी परिसर में नवनिर्मित हनुमत कथा मंडपम का शुक्रवार को उदघाटन करेंगे। मुख्यमंत्री सुबह 11.25 पर अयोध्या पहुंचेंगे। रामलला के दर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री हनुमानगढ़ी में हनुमत कथा मंडपम का लोकार्पण करेंगे और फिर दोपहर 1.25 पर लखनऊ के लिए रवाना हो जाएंगे।
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अयोध्या में अब तक निर्मित सबसे बड़ा कथा :मंडप
हनुमत कथा मंडपम अयोध्या में अब तक निर्मित सबसे बड़ा कथा मंडप है, जिसमें एक साथ पांच हजार से अधिक लोग बैठ सकते हैं। यहां धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजनों को सुनियोजित ढंग से संपन्न कराया जा सकेगा। मंडपम का निर्माण केटी प्रोजेक्ट्स द्वारा कराया गया है, जिसकी निदेशक इंजीनियर पारुल जायसवाल हैं। पारुल जायसवाल ने बताया कि वे 2013 से निर्माण कार्य से जुड़ी हैं और सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक व एमटेक कर चुकी हैं। हनुमान जी की कृपा से यह कार्य मिला। हमने इस प्रोजेक्ट में श्रद्धा, भक्ति और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा है। मंडपम की विशेष सजावट और निर्माण की मजबूती इसे एक विशिष्ट पहचान देती है। प्रोजेक्ट मैनेजर अंकित जायसवाल की मेहनत को भी सराहा जा रहा है। केटी प्रोजेक्ट के तहत अयोध्या मे अन्य कार्य का भी निर्माण कार्य प्रगति पर है। जिसे वर्ष के अंत तक पूर्ण कर लेने का लक्ष्य रखा गया है।
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श्रद्धालुओं को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं
अयोध्या के धार्मिक विकास में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी एवं धार्मिक आयोजनों का आयोजन अधिक भव्य रूप में हो सकेगा। धार्मिक आस्था और आध्यात्मिक समर्पण का प्रतीक हनुमत कथा मंडपम् अब भक्तों के दर्शन हेतु पूर्ण रूप से तैयार है। यह दिव्य मंडपम् हनुमानगढ़ी सिद्धपीठ के अंतर्गत निर्मित एक भव्य सभागार है, जिसका उद्देश्य धार्मिक आयोजनों, कथाओं एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का गरिमामय आयोजन है। सभागार का आकार 116 x 136 फीट। मंडपम को छह केंद्रीय स्तंभों और किनारों पर 20 मजबूत कौलों के साथ इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है, जिससे यह अत्यंत विशाल और सुव्यवस्थित प्रतीत होता है। 28 x 28 फीट का भव्य मंच, जिसके पीछे श्रीराम दरबार की भव्य स्थापना की गई है। 11 फीट ऊँची हनुमान की प्रतिमा। जो हनुमानगढ़ी किले की दिशा की ओर विराजमान है।मंच के एक ओर बाबा अभय रामदास की प्रतिमा, तो दूसरी ओर कपिल मुनि आश्रम का चित्रण। 16 विशिष्ट कमरे आगंतुकों व साधु-संतों हेतु सुविधायुक्त विश्राम व्यवस्था। 60 x 70 फीट का हरित क्षेत्र। लगभग 10,000 वर्ग फीट का सुव्यवस्थित पार्किंग क्षेत्र।
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