लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ में कोरोना संक्रमण एक बार फिर रफ्तार पकड़ता दिख रहा है। बीते 24 घंटों में राजधानी में आठ नए मरीजों की पुष्टि हुई है। इनमें किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) की गायनी ऑन्कोलॉजी विभाग की सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर और एक थर्ड ईयर MBBS स्टूडेंट शामिल हैं। साथ ही 2 महिलाएं और 4 पुरुषों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। नए मामलों में दो बुजुर्ग भी हैं, जिनमें से एक को दिल की गंभीर बीमारी है।
रेजिडेंट डॉक्टर की रिपोर्ट पॉजिटिव
KGMU की रेजिडेंट डॉक्टर को पिछले शुक्रवार से जुकाम और बुखार की शिकायत थी। जांच के बाद मंगलवार को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिसके बाद वे अपने गृह जिले लखीमपुर खीरी रवाना हो गईं। वहीं, पॉजिटिव पाए गए MBBS छात्र ने बताया कि वह फिलहाल स्टेबल हैं और SP हॉस्टल में आइसोलेशन में हैं।
दिल की बीमारी से जूझ रहे बुजुर्ग भी संक्रमित
इंदिरा नगर के मयूर विहार में रहने वाले 61 वर्षीय बुजुर्ग की कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। उन्हें पहले से ही हार्ट की समस्या है और कोरोनरी आर्टरी में 50 फीसदी ब्लॉकेज है। ट्रैवल हिस्ट्री नहीं होने के बावजूद संक्रमण की पुष्टि हुई। डॉक्टरों ने एहतियातन उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी है, हालांकि फिलहाल वे होम आइसोलेशन में हैं। इस समय लखनऊ में कुल 22 कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 18 एक्टिव केस हैं। सोमवार को SGPGI के एक डॉक्टर समेत 4 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
गौतमबुद्ध नगर में सबसे अधिक मामले
उत्तर प्रदेश में अब तक 67 नए मामले सामने आए। इनमें अकेले गौतमबुद्ध नगर से 54 केस मिले, जबकि गाजियाबाद में 3, हापुड़ में 2 और कानपुर, बिजनौर, मेरठ व अलीगढ़ में एक-एक मरीज संक्रमित पाए गए। लखनऊ में उस दिन 4 नए मामले मिले थे। राज्य में फिलहाल 229 एक्टिव केस हैं, वहीं 24 घंटे में 63 मरीजों को स्वस्थ होने पर छुट्टी दी गई। राज्य सरकार ने बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्कता बढ़ा दी है और कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की हैं।
कोविड के चार नए वैरिएंट मिले
भारत में कोरोना वायरस के चार नए वैरिएंट सामने आए हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने जानकारी दी है कि दक्षिण और पश्चिम भारत में लिए गए सैंपलों की जीनोमिक सीक्वेंसिंग के दौरान इन नए वैरिएंट का पता चला है। इनमें NB.1.8.1, LF.7, XFG, और JN.1 शामिल हैं। ICMR का कहना है कि इन वैरिएंट के चलते मरीजों में अभी तक किसी प्रकार की गंभीर स्थिति देखने को नहीं मिली है। विशेषज्ञों का मानना है कि इनसे घबराने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सतर्कता जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इन वैरिएंट को फिलहाल उच्च जोखिम वाले या गंभीर श्रेणी में नहीं रखा है। स्वास्थ्य एजेंसियां हालात पर नजर बनाए हुए हैं और लोगों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी गई है।
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