यूनानी निदेशक पर आरटीआई से जुड़ी तीन बार 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। ये घटनाएं प्रशासनिक व्यवस्था में खामियों को उजागर करती हैं और जांच की मांग कर रही हैं।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।यूनानी निदेशालय में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। मोती नगर के मोहित तिवारी ने आरोप लगाया है कि कार्यवाहक निदेशक और बाबू मिलकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से शिकायत की है। तिवारी का कहना है कि अधिकारी और बाबू मिलकर मुख्यमंत्री योगी की जीरो टॉलरेंस नीति का उल्लंघन कर रहे हैं। यह मामला सरकार की सख्ती के बावजूद भ्रष्टाचार को रोकने में नाकाम रहने का संकेत है। अधिकारियों की मनमानी से जनता का भरोसा कम हो रहा है। सरकार को इस मामले की जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए।
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सपा विधायक ने भी की शिकायत
सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने मार्च में यूनानी निदेशालय में अनियमितताओं की शिकायत की। उन्होंने आरोप लगाया कि महाविद्यालयों में शोध के लिए मिले धन का गलत इस्तेमाल हो रहा है और परिणाम शासन को नहीं बताए जा रहे हैं। विधानसभा सचिवालय ने इस पत्र को आयुष के प्रमुख सचिव को भेजकर जांच के निर्देश दिए हैं। इस मामले में कार्रवाई जारी है।
मोती नगर में मोहित ने आरोप लगाए हैं कि बाबू नाम का आरोपी पिछले 20 साल से वहां तैनात है, लेकिन उसका स्थानांतरण नहीं हुआ है। मोहित का कहना है कि बाबू पर स्थानांतरण नीति का पालन नहीं किया गया। इसके अलावा, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 2019 में एक छात्रा को प्रयोगात्मक परीक्षा में अधिकतम अंक मिलवाए गए, जिसमें मिलीभगत की बात कही जा रही है।
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साथ ही, यूनानी निदेशक पर आरटीआई से जुड़ी तीन बार 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। ये घटनाएं प्रशासनिक व्यवस्था में खामियों को उजागर करती हैं और जांच की मांग कर रही हैं। अधिकारियों ने इन आरोपों की पुष्टि या खंडन नहीं किया है।