लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
उत्तर प्रदेश इन दिनों चिलचिलाती गर्मी के साथ-साथ भीषण आग की घटनाओं से जूझ रहा है। खेतों से लेकर अस्पताल और फैक्ट्रियों तक, आग ने कहर बरपाया है। हालात की गंभीरता को देखते हुए डीजीपी प्रशांत कुमार ने पूरे प्रदेश में फायर अलर्ट जारी कर दिया है। उन्होंने सख्त निर्देश दिए हैं कि फायर ब्रिगेड की सभी गाड़ियां और उपकरण हर वक्त तैयार रखें जाएं। साथ ही ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की जाए जहां पहले भी आग लग चुकी है, और वहां अस्थायी फायर चौकियां बनाई जाएं। ये कदम एक बड़े जन-सुरक्षा अभियान का हिस्सा हैं, जिससे लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे तापमान चढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे आग की घटनाओं में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। सिर्फ बीते कुछ दिनों की घटनाएं देखें तो हालात बेहद चिंताजनक हैं।
मलिहाबाद: खेत में लगी आग से राख हुआ मेहनत का फल
सोमवार दोपहर मलिहाबाद में हाइटेंशन लाइन की चिंगारी से भीषण आग भड़क उठी। तीन बीघे गेंहू की फसल पल भर में जलकर राख हो गई। ग्रामीणों ने बाल्टियों और ट्रैक्टर टैंकरों से आग बुझाई, लेकिन दमकल विभाग की टीम सूचना के बावजूद नहीं पहुंची। आग बुझाने में करीब डेढ़ घंटे का संघर्ष करना पड़ा।
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लोकबंधु अस्पताल: आग में फंसे मरीज, एक बुजुर्ग की मौत
सोमवार रात करीब 9:30 बजे लोकबंधु अस्पताल में भीषण आग लग गई। वहां मौजूद दमकलकर्मियों ने जान पर खेलकर 250 मरीजों की जान बचाई। सैकड़ों तीमारदारों और डॉक्टरों ने दौड़कर जान बचाई। कई मरीजों को तुरंत दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया, लेकिन अफसोस कि इस हादसे में एक बुजुर्ग की जान चली गई थी।
फैक्ट्री में धमाका, दहशत में आया इलाका
बाराबंकी के दरियाबाद कस्बे में एक पनीर-खोया फैक्ट्री में कंप्रेशर टैंक फटने से जोरदार धमाका हुआ। धमाके से पूरा इलाका हिल गया और लोग घरों से बाहर निकल भागे। बाजार में अफरा-तफरी मच गई, हालांकि किसी बड़े जानमाल के नुकसान की खबर नहीं आई।
केमिकल फैक्ट्री में विस्फोट के साथ लगी थी आग
जनवरी में ग्रेटर नोएडा की एक केमिकल फैक्ट्री में आग लग गई थी। धमाके इतने तेज थे कि आस-पास के रिहायशी इलाकों में हड़कंप मच गया। जेसीबी से दीवार तोड़कर 25 गायों को बचाया गया।
डीजीपी का आदेश: तैयार रहें सभी जिले
इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए डीजीपी प्रशांत कुमार ने सभी जिलों के पुलिस कप्तानों और फायर विभाग को सख्त निर्देश दिए हैं।फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पूरी तरह से तैयार हालत में हों।संवेदनशील इलाकों की पहचान कर वहां अस्थायी फायर चौकियां बनाई जाएं।सामाजिक संगठनों और ग्रामीणों को जागरूक किया जाए।फायर हेल्पलाइन नंबर और प्राथमिक जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाई जाए।
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हर समय हो आग बुझाने वाले वाहनों की उपलब्धता
आग की घटनाएं सिर्फ लापरवाही से नहीं, बल्कि पूर्व तैयारी की कमी से विकराल रूप लेती हैं। खेतों में बिजली के तार, फैक्ट्रियों में सुरक्षा उपकरणों की अनदेखी, और अस्पतालों में ओवरलोडिंग – ये सभी कारण आग को न्योता देते हैं।इसलिए अब वक्त आ गया है कि प्रशासन के साथ आम नागरिक भी जागरूक हों। छोटी-छोटी सावधानियां, जैसे आग बुझाने के यंत्रों की उपलब्धता, बिजली उपकरणों की नियमित जांच और आपातकालीन नंबरों की जानकारी – ये सब मिलकर बड़ी घटनाओं को टाल सकते हैं।