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DGP यूपी ने बिहेवियरल ट्रेनिंग वर्कशॉप का किया शुभारंभ, 60 हजार से अधिक आरक्षियों को मिलेगा सॉफ्ट स्किल्स का प्रशिक्षण

पुलिस महानिदेशक यूपी राजीव कृष्ण द्वारा उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा बेहतर Citizen Service देने के निमित्त Behavioural Training Programme के सम्बन्ध में कार्यशाला का सोमवार को उद्घाटन किया।

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Shishir Patel
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कार्यशाला का शुभारंभ करते डीजीपी राजीव कृष्ण।

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।मुख्यमंत्री  के मंशानुरूप पुलिस बल को और अधिक सद्व्यवहार, संचार एवं व्यवहारिक कुशलता का प्रशिक्षण प्रदान कराये जाने के क्रम में आज क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) भारत सरकार के सहयोग से उनके नॉलेज पार्टनर इल्युमिन द्वारा प्रशिक्षण निदेशालय में पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि डीजीपी राजीव कृष्ण द्वारा कार्यशाला का उद्धाटन किया गया। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण तिलोत्तमा  वर्मा, क्षमता निर्माण आयोग के सदस्य डॉ.आर. बालासुब्रमण्यम, अपर पुलिस महानिदेशक  बीडी पॉल्सन एवं पुलिस महानिरीक्षक  चन्द्र प्रकाश उपस्थित रहें।

प्रशिक्षु आरक्षियों को IGot पोर्टल पर उपलब्ध दो कोर्सेस को पूर्ण करना अनिवार्य होगा

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय कर्मयोगी मिशन एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण (IGot) पोर्टल के माध्यम से सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशिक्षण और कौशल विकास के द्वारा क्षमता निर्माण, नवाचार को बढ़ावा, काम काज में पारदर्शिता एवं जनता के प्रति जवाबदेही सीखने के लिये प्रोत्साहित एवं प्रेरित करता है।इस अवसर पर महानिदेशक पुलिस, प्रशिक्षण  तिलोत्तमा वर्मा द्वारा नवनियुक्त रिक्रूट आरक्षियों के थेप्रशिक्षण को उच्च कोटि बनाये जाने के दृष्टिगत आरक्षी नागरिक पुलिस के आधारभूत प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में IGot को सम्मिलित किया गया है जिसमें प्रशिक्षु आरक्षियों को IGot पोर्टल पर उपलब्ध दो कोर्सेस को पूर्ण करना अनिवार्य होगा। 

पांच दिवसीय सद्व्यवहार (Soft skill) कार्यशाला का आयोजन

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इसके अतिरिक्त उनके द्वारा सद्व्यवहार पर प्रशिक्षण निदेशालय द्वारा पूर्व में आयोजित की गयी अनेको कार्यशाला के सम्बन्ध में अवगत कराया गया एवं बताया गया कि क्षमता निर्माण आयोग (सी०बी०सी०) भारत सरकार के माध्यम से पांच दिवसीय सद्व्यवहार (Soft skill) कार्यशाला का आयोजन किया गया है जिसके माध्यम से लीड ट्रेनर्स तैयार किये जायेगें जो संस्थानों में नियुक्त अध्यापकों को सद्व्यवहार में 03 दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान कर लीड कोचेस तैयार किये जायेगें, जो नवनियुक्त 60,244 रिक्रूट आरक्षियों को सद्व्यवहार, संचार एवं व्यवहारिक कुशलता प्रशिक्षण प्रदान करेगें।

जनसेवा कार्यक्रम की अवधारणा के सम्बन्ध में दिया व्याख्यान 

क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) भारत सरकार के सदस्य डॉ. आर. बालासुब्रमण्यम द्वारा एम.बी.बी.एस. हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन एण्ड हेल्थ सिस्टम मैनेजमेन्ट में BITS, PILANI से M.Phil की उपाधि प्राप्त कि गयी है तथा डॉ. आर. बालासुब्रमण्यम विकास कार्यकर्ता, लीडरसीप ट्रेनर विचारक एवं लेखक हैं इसके अतिरिक्त पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में Harvard Kennedy School, Harvard University द्वारा पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स किया गया है व Grassroots research and Advocacy Movement. A public policy think tank in India के फाउन्डर एण्ड चेयरपर्सन भी है। इस अवसर पर राष्ट्रीय कर्मयोगी जनसेवा कार्यक्रम की अवधारणा के सम्बन्ध में व्याख्यान दिया गया।पुलिस महानिदेशक यूपी द्वारा कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों एवं ऑनलाइन जुड़े पुलिस प्रशिक्षण संस्थानो के प्रभारियों को अपने सम्बोधन के माध्यम से प्रशिक्षण का महत्व एवं पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों में बदलती हुई संचार कुशलता एवं सद्व्यवहार के सम्बन्ध में सम्बोधित किया गया।

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पुलिस महानिदेशक यूपी के सम्बोधन के प्रमुख बिन्दु

-पिछले 25 से 30 वर्षो में पुलिस के व्यवहार में सार्थक परिवर्तन आया है।

-इंडक्शन ट्रेनिंग प्रारम्भिक और व्यवस्थित प्रशिक्षण होता है, जिसका प्रशिक्षुओं के पूरे कैरियर पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

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-60,244 आरक्षियों को यूनिफार्म, आडियो विजुअल कन्टेन्ट के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाये, जिसे सभी 112 सेन्टर्स पर प्रशिक्षण में इस्तेमाल किया जाय।

- 60 हजार आरक्षियों को प्रशिक्षित करने का यह एक सुनहरा अवसर है, जिसका हमे समुचित ढंग से उपयोग करना चाहिये।

-प्रशिक्षण में प्राप्त सिखलाई और फील्ड के व्यवहारिक अनुभव में हमे संतुलन स्थापित करना चाहिये और इसके मध्य एक “स्वीट स्पाट” है।

-पुलिस की बिहेवियरल ट्रेनिंग और कम्यूनिकेशन अत्यन्त महत्वपूर्ण है, जिससे हमे Internalise  करना चाहिये और उसके प्रति हमारा Conviction  होना चाहिये।

-कुम्भ में पुलिस कार्मियों के द्वारा श्रद्धालुओं से सद्व्यवहार निरन्तर प्रशिक्षण, ब्रीफिंग एवं काउन्सलिंग के कारण संभव हो पाया। 

प्रशिक्षण के सम्बन्ध में अपने विचारो को साझा किया गया।

तत्पश्चात प्रशिक्षण संस्थानो के प्रमुखों द्वारा प्रशिक्षण के सम्बन्ध में अपने विचारो को साझा किया गया। अपर पुलिस महानिदेशक पी.टी.एस. उन्नाव  नवनीत सिकेरा द्वारा अवगत कराया गया कि उनके द्वारा 32 पी.टी.आई. को विशेष प्रशिक्षण प्रदान कर हेल्थ कोचेस बनाया गया है जो रिक्रूट प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित करेगें जिनका प्रस्तुतिकरण शीघ्र पुलिस महानिदेशक यूपी के समक्ष किया जायेगा ।अन्त में पुलिस महानिदेशक  ने प्रशिक्षण संस्थानो के प्रभारियों को प्रशिक्षण में विशेष योगदान देने व प्रशिक्षण की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए निर्देशित किया गया।

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