लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच डीएनए को लेकर सोशल मीडिया पर छिड़ी जुबानी जंग अब भगवान कृष्ण और सृष्टि के रचयिता ब्रह्म देव तक पहुंच गई है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की ओर से सपा के डीएनए पर की गई टिप्पणी के बाद सत्तापक्ष और मुख्य विपक्षी दल ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोला दिया है। पाठक के बयान पर अखिलेश यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी, जिसके जवाब में सोमवार सुबह डिप्टी सीएम ने फिर पलटवार करते हुए सपा प्रमुख पर निशाना साधा। इस विवाद में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने ब्रजेश पाठक का बचाव करते हुए अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला।
सपा ने तोड़ी भाषा की मर्यादा
प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि सपा की राजनीति हमेशा विवादों से भरी रही है। पिछले दो महीने से पार्टी का एक सूत्रीय कार्यक्रम केवल नफरत फैलाने का बन गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा रात में अपने कार्यालय के बाहर विवादित होर्डिंग लगवाती है और जब उस पर किरकिरी होती है तो अगली सुबह चुपचाप हटा देती है। डीएनए विवाद में भी कुछ ऐसा ही किया गया। पहले भाषा की मर्यादाएं तोड़ी गईं और जब आलोचना शुरू हुई तो पोस्ट हटा दिया गया।
रोहिणी आयोग पर चुप क्यों है सपा
राजभर ने सवाल उठाया कि सपा रोहिणी आयोग और 'एक देश, एक चुनाव' जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा क्यों नहीं करती। उन्होंने कहा कि यह पार्टी सिर्फ समाज में नफरत फैलाने का काम कर रही है। हाल ही में सपा अध्यक्ष डॉक्टर अंबेडकर बनने की कोशिश कर रहे थे। भारी फजीहत के बाद यू-टर्न लेते हुए सपा पोस्टर और मुद्दे से पीछे हट गई। ऐसा करना सपा की आदत बन चुकी है। अखिलेश यादव के खुद को भगवान श्रीकृष्ण का वंशज बताने पर राजभर ने कहा कि अगर ऐसा है तो ब्रजेश पाठक ब्रह्मा जी के वंशज हैं। ऐसे में वह अखिलेश यादव से बड़े हुए। बेहतर हो कि दोनों बैठकर यह तय कर लें कि आखिर इनमें से बड़ा कौन है।
यह भी पढ़ें- यूपी में DNA विवाद ने पकड़ा तूल : Brajesh Pathak का Akhilesh Yadav पर पलटवार, X पर लंबी पोस्ट कर लगाई आरोपों की झड़ी
सपा सेना, दलितों पर बयानबाजी कर रही
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव को अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता सब देख रही है और ऐसे बयानों की कीमत नेता को चुकानी पड़ती है। चौधरी ने आरोप लगाया कि सपा भारतीय सेनाओं और दलितों पर आपत्तिजनक बयानबाजी कर रही है, जो निंदनीय है। उनका इशारा सपा के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव रामगोपाल यादव की ओर था। जिन्होंने ‘आपरेशन सिंदूर’ के तहत की गयी कार्रवाई बाद से चर्चा में आयीं विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर ‘जातिसूचक’ टिप्पणी की थी। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी बयानबाजी करने वालों पर कार्रवाई जरूर होगी। चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी के पदाधिकारी हमेशा भाषा की मर्यादा का पालन करते हैं। जबकि सपा की ओर से बार-बार व्यक्तिगत टिप्पणियां की जाती रही हैं।