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UP News : सस्ते पनीर के चक्कर में न बिगाड़ें सेहत, मिलाया जा रहा है खतरनाक रसायन, ऐसे करें पहचान

यह रसायन अब मिलावटी पनीर बनाने वालों का मुख्य हथियार बन चुका है। इसका उपयोग पनीर का रंग और वजन बढ़ाने के लिए किया जाता है, जिससे गुणवत्ता घटती है और पनीर अस्वास्थ्यकर हो जाता है।

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Abhishek Mishra
Titanium dioxide being added to cheese

पनीर में मिलाया जा रहा टाइटेनियम डाइऑक्साइड Photograph: (Social Media)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। पनीर खाने के शौकीन लोग अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं, क्योकि उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के आयुक्त राजेश कुमार का भी मानना है कि अधिक मुनाफा कमाने के लिए विक्रेता टाइटेनियम डाइऑक्साइड मिला रहे है, मुनाफाखोर पनीर में टाइटेनियम डाइऑक्साइड मिलाकर मिलावटी पनीर को यूपी के बाजारों में बेच रहे है। बहरहाल इसकी जानकारी मिलने के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग की टीमें सक्रिय हो गई हैं और कई जगहों पर ऐसे मिलावटी पनीर की जांच कर उसे जब्त भी किया गया है।

टाइटेनियम डाइऑक्साइड खाने में प्रतिबंधित

यह रसायन अब मिलावटी पनीर बनाने वालों का मुख्य हथियार बन चुका है। इसका उपयोग पनीर का रंग और वजन बढ़ाने के लिए किया जाता है, जिससे गुणवत्ता घटती है और पनीर अस्वास्थ्यकर हो जाता है। सूचना मिलने के बाद विभाग सक्रिय हुआ है। कई स्थानों पर छापेमारी कर मिलावटी पनीर जब्त किया गया है। असली पनीर की कीमत 300 से 400 रूपये प्रति किलो तक होती है। अगर पनीर 150 या 200 रूपये प्रति किलो मिल रहा है, तो उसमें मिलावट की संभावना अधिक है।

स्वास्थ्य पर प्रभाव

टाइटेनियम डाइऑक्साइड का उपयोग खाने में प्रतिबंधित है। इससे शरीर को हानि पहुँच सकती है, यह पनीर खाने योग्य नहीं रह जाता। उपभोक्ताओं को जागरूक रहना चाहिए और सस्ती कीमतों वाले पनीर से सावधान रहना चाहिए। मिलावटी पनीर दिखने पर तुरंत विभागीय अधिकारियों को सूचना देनी चाहिए। सत्यापित दुकानों और ब्रांडेड उत्पादों से ही पनीर खरीदने की सलाह दी जाती है।

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