लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) ने एक और उपलब्धि हासिल की है। केजीएमयू को नवजात शिशुओं के लिए बनाए गए इन्फैंट फीडिंग ट्यूब (आईएफटी) यूरो बैग कनेक्टर के लिए डिजाइन रजिस्ट्रेशन पेटेंट मिल गया है। यानी बिना केजीएमयू की अनुमति के अब कोई भी कनेक्टर के डिजाइन की नकल नहीं कर सकता। यह उपकरण विश्वविद्यालय के डॉक्टरों और अभियंताओं की टीम ने मिलकर बनाया और इसका परीक्षण किया है। इससे नवजात शिशुओं से पेशाब (मूत्र) आसानी से इकट्ठा करने में मदद मिलती है।
मूत्र संग्रह में तकनीकी सफलता
इस कनेक्टर की मदद से अब IFT को यूरिन बैग से जोड़ा जा सकता है, जो पहले संभव नहीं था। इससे शिशुओं से मूत्र का सैंपल एकत्र करना आसान हो गया है। यूरीन का सही और स्वच्छ कलेक्शन पैथोलॉजिकल और विश्लेषणात्मक जांचों के लिए बेहद जरूरी होता है। खासकर नवजात शिशुओं में शुरुआती जांच बहुत जरूरी होती है, ताकि किसी भी बीमारी का पता लगाया जा सके।
यूटिलिटी पेटेंट फाइल, परीक्षण जारी
प्रोफेसर डॉ. आनंद पांडेय (बाल शल्य चिकित्सा विभाग), इंजीनियर सुमित कुमार वैश्य (तकनीकी अधिकारी, SIB SHInE, KGMU) और प्रोफेसर डॉ. जेडी रावत की टीम ने इस शोध को सफलतापूर्वक पूरा किया है। इस शोध का उपयोगिता पेटेंट (Utility Patent) भी फाइल किया गया है। जो परीक्षण प्रक्रिया में है। यह पेटेंट केजीएमयू की नवाचार क्षमता और स्वदेशी चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में उसकी अग्रणी भूमिका को और अधिक सुदृढ़ बनाता है। टीम के इस प्रयास से केजीएमयू में चिकित्सा तकनीक के क्षेत्र में नवीनता और प्रगति को मजबूती मिली है।
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