लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। बिजली कर्मियों ने शुक्रवार को पावर कारपोरेशन की धमकी के विरोध में चेतावनी दिवस मनाया। कार्मिकों ने कहा कि झूठे आंकड़ों के आधार पर बिजली का निजीकरण नहीं होने दिया जायेगा। कर्मियों ने निजीकरण के विरोध में सामूहिक जेल भरो अभियान चलाने का संकल्प लिया। दरअसल, पावर कॉरपोरेशन चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल ने सभी जेल भरो आंदोलन में शामिल होने की इच्छा रखने वाले सभी कर्मचारियों की सूचना मांगी है। इसके लिए एक फॉर्मेट जारी कर दिया गया है। बिजली कर्मचारी इससे आक्रोशित हैं।
बिजली कर्मियों पर दबाब बनाने की कोशिश
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि बिजली कर्मियों को डराने की मंशा से पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष विजिलेंस के जरिये संगठन के पदाधिकरियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। यह एफआईआर आय से अधिक संपत्ति के मनगढ़ंत और संशोधित आंकड़ों पर आधारित है। इसमें आंकड़ों के मैनीपुलेशन में जोड़ घटाव की गलती साफ दिखाई दे रही है। जो इस बात का प्रमाण है कि एफआईआर डराने और बदनाम करने के लिए की गयी है।
संविदा कर्मियों की छंटनी पर नाराजगी
समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने मुख्यमंत्री से मांग की कि पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल की जयपुर, रानीखेत, ग्रेटर नोएडा, नोएडा, मथुरा के मकानों, जमीन और अन्य परिसम्पत्तियों की विजिलेंस जांच करायी जाये। उन्होंने कहा कि चेयरमैन ने उत्पीड़न की मंशा से हजारों कार्मिकों के ट्रांसफर किये, संविदा कर्मियों को निकाला, कर्मचारी सेवा बिना जांच और सफाई का मौके दिए सेवा से बर्खास्त करने के लिए नियमावली में संशोधन किया है।
निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन जारी
शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि निजीकरण के विरोध में आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर,सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, हरदुआगंज, जवाहरपुर, परीक्षा, पनकी, ओबरा, पिपरी और अनपरा में हुई चेतावनी सभा में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया।
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