- कर्मियों का फूटा गुस्सा, तबादले के खिलाफ 16 को यूपी में हल्ला बोल का एलान
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। बिजली निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने 16 जून को नियामक आयोग के मुख्यालय पर मौन प्रदर्शन करने का एलान किया है। इसके साथ पावर कारपोरेशन प्रबंधन की ओर से मनमाने ढंग से किए गए हजारों बिजली कर्मचारियों के स्थानांतरण के खिलाफ इसी दिन प्रदेश भर में प्रदर्शन किया जाएगा।
आयोग को RFP डॉक्यूमेंट पर अभिमत का नहीं अधिकार
समिति के पदाधिकारियों ने रविवार को कहा कि 13 जून को यूपीपीसीएल अध्यक्ष, निदेशक (वित्त) निधि नारंग और दागी सलाहकार कंपनी ग्रांट थॉनर्टन के सदस्यों ने नियामक अयोग के चेयरमैन अरविंद कुमार के साथ गुप्त बैठक की थी। इसमें सलाहकार कंपनी ने पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के आरएफपी डॉक्यूमेंट आयोग के सामने पेश किए। आयोग इस पर अपना अभिमत देने वाला है। जबकि उसे निजीकरण के इस दस्तावेज पर राय देने का नैतिक अधिकार नहीं है।
बिजली व्यवस्था ध्वस्त करने पर तुला यूपीपीसीएल
समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने आरोप लगाते हुए कहा कि निजीकरण के खिलाफ बीते 200 दिनों से लगातार चल रहे आंदोलन से घबराए पावर कारपोरेशन अध्यक्ष ने बिना किसी नीति के हजारों बिजली कर्मचारियों का स्थानांतरण कर दिया। ऐसे में खिसियाई बिल्ली खंभा नोचे की कहावत उन पर फिट बैठती है। दुबे ने कहा कि भीषण गर्मी में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों का स्थानांतरण कर यूपीपीसीएल अध्यक्ष बिजली व्यवस्था को ध्वस्त करने पर तुले हैं। उन्होंने कहा कि इस तानाशही फैसले के खिलाफ 16 जून को प्रदेश भर के सभी जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
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