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​Electricity Privatisation : बिजली निजीकरण के खिलाफ संविदा कर्मी करेंगे अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार, विद्युत मजदूर संगठन ने किया एलान

​Electricity Privatisation : विद्युत मजदूर संगठन की बैठक में आउटसोर्स कर्मियों की सेवा नियमावली बनाए जाने और श्रमिकों को 22 हजार, लाइनमैन, एसएसओ, कम्प्यूटर आपरेटर को 25 हजार रुपये वेतन दिए जाने की मांग की गई ।

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Deepak Yadav
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विद्युत संविदा मजदूर संगठन

बिजली निजीकरया के खिलाफ विद्युत संविदा मजदूर संगठन ने की बैठक Photograph: (YBN)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

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प्रदेश में बिजली निजीकरण के विरोध में विद्युत संविदा मजदूर संगठन की केन्द्रीय कार्यकारिणी ने रविवार को एक प्रस्ताव पारित कर कार्य बहिष्कार का एलान किया। नरही स्थित केंद्रीय कार्यालय में बैठक के दौरान प्रान्तीय अध्यक्ष नवल किशोर सक्सेना ने कहा कि निजीकरण के खिलाफ पूरे प्रदेश में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार किया जाएगा। कार्यकारिणी के प्रदेश प्रभारी पुनीत राय को विद्युत कर्मचारी महासंघ उप्र के घटक संगठनों के साथ बैठक कर इसकी तिथि तय किए जाने की जिम्मेदारी दी गई।

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संविदा कर्मियों को सीधे विभाग से वेतन का हो भुगतान

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प्रान्तीय अध्यक्ष नवल किशोर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से विधानसभा में की गई घोषणा का जिक्र करते हुए संविदा कर्मियों को सीधे विभाग से वेतन का भुगतान किए जाने, आउटसोर्स कर्मियों की सेवा नियमावली बनाए जाने और श्रमिकों को 22 हजार, लाइनमैन, एसएसओ, कम्प्यूटर आपरेटर को 25 हजार रुपये वेतन दिए जाने की मांग की। इसके अलावा काम करने की उम्र 55 साल से बढ़ाकर 60 वर्ष करने, प्रदेश में हटाए गए 16 हजार संविदा कर्मियों को कार्य पर वापस रखने, हर जिलो को नजदीकी ईएसआई अस्पताल से सम्बद्ध किए जाने की मांग उठाई।

कैशलेस इलाज की मांग

नवल किशोर ने कहा कि बिजली विभाग की लापरवाही से हर साल लापरवाही से विद्युत दुर्घटना में 1500 संविदा कर्मचारियों की जान चली जाती है। इस पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। साथ ही संविदा कर्मचारियों को विभाग से सुरक्षा उपकरणों को मुहैया कराने और विद्युत दुर्घटना में घायल संविदा कर्मियों को कैशलेस चिकित्सा की सुविधा प्रदान किए जाने की मांग की गई।

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ये रहे मौजूद

इस दौरान मजदूर नेता आर एस राय, विद्युत मजदूर संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष विमल चन्द्र पांडेय, प्रदेश उपाध्यक्ष मोहम्मद सरफराज अली, महामंत्री भोला सिंह कुशवाहा, राजेश्वर सिंह, पूर्वांचल अध्यक्ष संजय सिंह, मध्यांचल अध्यक्ष अशोक पाल, गोरखपुर जोन अध्यक्ष विनोद श्रीवास्तव, विजय नंदन, अशोक राय, राम आसरे मौर्य, अनिरुद्ध कुमार, रविंद्र पटेल, अजय मिश्रा, राजी सिंह, सत्येंद्र यादव, अरविंद कुमार, प्रियांशु राय, मुनीष पाल, विपिन कुमार विश्वकर्मा, नरेश पाल, सुरेंद्र प्रसाद, प्रभु नाथ सिंह, बासुकीनाथ, अश्वनी, गुलाब यादव शामिल रहे।

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