लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी लखनऊ में मंगलवार को किसानों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। भारतीय किसान यूनियन (श्रमिक जनशक्ति) के बैनर तले जुटे किसानों ने परिवर्तन चौक से गांधी प्रतिमा की ओर कूच करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया। इसके विरोध में किसान केडी सिंह बाबू स्टेडियम के सामने धरने पर बैठ गए और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे।
कागजों में दोगुनी आय, हकीकत में संघर्ष
प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि सरकार भले ही किसानों की आय दोगुनी होने का दावा कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट है। किसानों को खाद, बीज और कीटनाशक तक असली नहीं मिल रहे। जय जवान जय किसान के नारे लगाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के वादे केवल कागजों में हैं, जबकि असल किसान आज भी संघर्ष कर रहा है।
कृषि मंत्री को भी ठग लिया गया
किसानों का कहना है कि वे पिछले आठ दिनों से लगातार अभियान चला रहे हैं। उन्होंने नकली खाद और बीज की बिक्री पर सवाल उठाते हुए बताया कि खुद कृषि मंत्री जब छापेमारी पर निकले तो उन्हें भी 400 रुपये अधिक लेकर ठग लिया गया। किसानों ने सवाल उठाया कि जब मंत्री तक को ठगा जा सकता है, तो एक सामान्य किसान का क्या हाल होगा?
गाय माता और किसान दोनों उपेक्षित
प्रदर्शनकारियों ने लखनऊ नगर प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि राजधानी में दर्जनों गौशालाएं और कांजी हाउस हैं, इसके बावजूद आवारा पशु सड़कों पर तड़पते दिखते हैं। किसानों ने आरोप लगाया कि कृषि विभाग और नगर प्रशासन में बैठे अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और न किसानों की सुध ली जा रही है, न ही गोवंश की।
मुख्यमंत्री से मिलकर ही हटेंगे
प्रदर्शनकारियों ने साफ किया कि जब तक उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात का आश्वासन नहीं मिलता, तब तक वे पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। किसानों ने कहा कि वे शांतिपूर्वक अपनी बात कह रहे हैं, लेकिन यदि जरूरी हुआ तो किसी भी बैरिकेड को पार कर आगे बढ़ सकते हैं।
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