लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजनों के शैक्षिक पुनर्वास को एक नई दिशा दे रही है। योगी सरकार विशेष विद्यालयों के संचालन की योजना के तहत राज्य में 16 विशेष विद्यालय संचालित किए जा रही हैं, जिनकी कुल छात्र क्षमता 2040 है। इन विद्यालयों में वर्तमान में 1680 दिव्यांग बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, जो शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं। योगी सरकार की यह पहल न केवल दिव्यांग बच्चों को सशक्त बना रही है, बल्कि समाज में समावेशिता को भी बढ़ावा दे रही है।
दिव्यांग बच्चों की दिव्यांगता की श्रेणी के अनुसार खास विद्यालय का किया जा रहा संचालन
योजना के तहत दिव्यांगता की विभिन्न श्रेणियों के अनुरूप अलग-अलग विद्यालय स्थापित किए गए हैं। ‘प्रयास विद्यालय’ चलन-बाधित दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए प्रतापगढ़ और लखनऊ में हाई स्कूल स्तर तक संचालित किए जा रहे हैं, जिनकी कुल छात्र क्षमता 100 है। वहीं मानसिक मंदता से प्रभावित बच्चों के लिए ‘ममता विद्यालय’ प्रयागराज में बालकों और लखनऊ में बालिकाओं के लिए जूनियर हाई स्कूल स्तर तक चल रहे हैं, जिनकी क्षमता भी 100 है। मूक-बधिर बच्चों के लिए योगी सरकार(yogi government) ‘संकेत विद्यालय’ का संचालन कर रही है जो आगरा, लखनऊ, बरेली, फर्रुखाबाद और गोरखपुर में संचालित हैं, जहां आगरा में हाई स्कूल और बाकी जगह जूनियर हाई स्कूल स्तर की पढ़ाई होती है। इनकी कुल क्षमता 790 है।
दृष्टिबाधित बच्चों के लिए ‘स्पर्श विद्यालय’ लखनऊ और गोरखपुर में बालक-बालिकाओं के लिए एक-एक , मेरठ और बांदा में बालकों के लिए और सहारनपुर में बालिकाओं के लिए संचालित हैं। इनकी कुल छात्र क्षमता 1050 है। इन सभी विद्यालयों में विशेष शिक्षकों और संसाधनों के जरिए बच्चों को उनकी जरूरत के अनुरूप शिक्षा दी जा रही है, ताकि वे अपनी क्षमताओं को पहचान सकें और समाज में अपनी जगह बना सकें।
दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध दिख रही योगी सरकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(CM Yogi Adityanath) ने दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के संकल्प के साथ लगातार काम कर रहे हैं। सीएम योगी का मानना है कि दिव्यांग बच्चों की शिक्षा और उनके सशक्तीकरण के जरिए एक समावेशी समाज का निर्माण कर सकते हैं। यही वजह है कि इन विशेष विद्यालयों के माध्यम से दिव्यांग बच्चों के न केवल शिक्षा बल्कि समग्र विकास पर जोर दिया जा रहा है। इन स्कूलों में पढ़ने वाले 1680 बच्चों के लिए विशेष प्रशिक्षण, सहायक उपकरण और अनुकूल माहौल भी उपलब्ध कराया जा रहा है। यह योजना न केवल शिक्षा तक सीमित है, बल्कि इन बच्चों के भविष्य को संवारने में भी मदद कर रही है। विशेष विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे आत्मविश्वास के साथ अपने सपनों को साकार कर रहे हैं।
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