लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान नफरती भाषण(Hate Speech) देने और चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने शनिवार को फैसला सुनाते हुए माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे व मऊ सदर विधायक अब्बास अंसारी को दोषी करार दिया है। बाद में उन्हें कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई। इस सजा के साथ ही अब उनकी विधायकी भी जाएगी। सीजेएम डॉ. केपी सिंह ने इस मामले में दोनों पक्षकारों की बहस सुनने के बाद फैसले के लिए 31 मई की तिथि नियत की थी। मामला शहर कोतवाली क्षेत्र का है।
गौरतलब है कि अब्बास अंसारी मऊ सदर से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक हैं। कोतवाली थाने में दर्ज इस मामले में अब्बास अंसारी, उनके भाई उमर अंसारी और तीन अन्य लोगों पर चुनाव प्रचार के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों को 'देख लेने' की धमकी देने का आरोप था। अब दोषी करार दिए जाने और दो साल की सजा होने के बाद अब्बास अंसारी की विधायकी भी जाएगी।
क्या है मामला
साल 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान मऊ के पहाड़पुरा इलाके में एक जनसभा में अब्बास अंसारी ने कथित तौर पर विवादित बयान दिया था। आरोप है कि उन्होंने अधिकारियों को सत्ता में आने के बाद हिसाब-किताब करने की धमकी दी, जिसे हेट स्पीच(Hate Speech) माना गया। शहर कोतवाली में सब-इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद की तहरीर पर अब्बास, उमर और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके अतिरिक्त दक्षिण टोला थाने में भी आचार संहिता उल्लंघन का एक अलग मामला दर्ज किया गया था.
मऊ की सियासत में मचेगी उठापटक!
अब्बास अंसारी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा-सुभासपा गठबंधन के तहत मऊ सदर सीट से जीत हासिल की थी। उनके पिता, दिवंगत माफिया-नेता मुख्तार अंसारी, भी मऊ से पांच बार विधायक रह चुके हैं। हालांकि एमपी/एमएलए कोर्ट का यह फैसला मऊ की सियासत में नई उठापटक कर सकता है, क्योंकि अब्बास अंसारी क्षेत्र में प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। कोर्ट का फैसला(court decision) उनके राजनीतिक भविष्य को प्रभावित कर सकता है।
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