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लखनऊ में जुटे देश-विदेश के डॉक्टर Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। केजीएमयू के अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेंस 'होमकॉन में शनिवार को देश-विदेश के डॉक्टर एकत्र हुए। ग्रीस से डॉ कोस्टास सिटेंडस, हैदराबाद के डॉ एस प्रवीण कुमार और डॉ प्रभात श्रीवास्तव ने कहा कि कैंसर के इलाज में होम्योपैथी कारगर साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि कैंसर की दूसरी और तीसरी स्टेज में भी होम्योपैथिक दवा लेने पर रोगियों को लाभ मिल रहा है। एशियन होम्योपैथी मेडिकल लीग के अध्यक्ष डॉ गिरीश गुप्ता ने महिलाओं के गर्भाशय में बनने वाली गांठ का इलाज होम्योपैथी से संभव है।
डॉक्टरों ने पेश किए शोध पत्र
इससे पहले वैज्ञानिक सत्र डॉक्टर रवि सिंह ने सर्जरी वाली बीमारियों में होम्योपैथी की उपयोगिता के अपने साक्ष्य प्रस्तुत किए। इसके बाद डॉ प्रवीण कुमार ने गंभीर बीमारियों में स्टैटिकल डाटा के साथ रिकॉर्ड केस पर चर्चा की। दूसरे सत्र में ऑर्थोपेडिक हीलिंग होम्योपैथी के साथ डॉक्टर पंकज श्रीवास्तव ने अपने केस पेश किए। दिल्ली से आए डॉ एके गुप्ता ने मोटर न्यूरॉन बीमारी पर अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि दवाइयों का सेवन प्रबंधन के साथ किया जाए तो इन बीमारियों में होम्योपैथिक बहुत ही कारगर साबित होती है। डॉ प्रभात श्रीवास्तव ने होम्योपैथिक चिकित्सा से कैंसर के रोगियों के उपचार के साथ साक्ष्य प्रस्तुत किया।
30 चिकित्सक हुए सम्मानित
समिति के अध्यक्ष डॉ शिवली मजहर ने बताया कि होम्योपैथिक के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 30 चिकित्सकों को भी सम्मानित किया गया है। 22 शिक्षक-चिकित्सकों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किया। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला ने कहा कि भारत की सभी चिकित्सा पद्धतियों का आपस में तुलनात्मक अध्ययन होना चाहिए। इसमें सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों से अपेक्षा है कि जनता के बीच में इन पद्धियों के आपसी संबंध का संदेश जाना चाहिए। हैनीमैन एजुकेशनल एंड डेवलपमेंट सोसाइटी के सचिव डॉक्टर आशीष वर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में देश-विदेश से लगभग 650 चिकित्सा शिक्षक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। उन्होंने होम्योपैथिक विभाग के विकास और इस चिकित्सा पद्धति को जन-जन तक पहुंचाने में सरकारी प्रयासों की सराहना की।
होम्योपैथी सूक्ष्म वैज्ञानिक प्रयोग आधारित पद्धति
राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग के सदस्य डॉ आनंद कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि होम्योपैथी एक सूक्ष्म वैज्ञानिक प्रयोग आधारित पद्धति है। इसमें गहन अध्ययन शोध के द्वारा मानवता के कल्याण लिए जन-जन के बीच विश्वास का वातावरण बनाना होगा। एमएलसी अंगद कुमार सिंह ने कहा कि जनता में होम्योपैथी के प्रति विश्वास बढ़ाना है तो चिकित्सकों को अपना विजन और इस चिकित्सा पद्धति के लिए समर्पण बनाए रखा होगा। विधान परिषद सदस्य अवनीश कुमार सिंह ने कहा कि भारत के लिए होम्योपैथी सबसे उपयुक्त चिकित्सा पद्धति है।
निराश रोगियों को होम्योपैथी पर भरोसा
होम्योपैथी चिकित्सा परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ राम जी सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य मामलों में सभी जगह से निराश रोगी को होम्योपैथी पर भरोसा रहता है। उसे यह बताना होगा कि होम्योपैथी एक संपूर्ण चिकित्सा पद्धति है। बिना ऑपरेशन और ढेरों जांच कराए ही रोगी को ठीक हो सकता है।वैज्ञानिक सत्र समाप्त होने के बाद आयोजित कवि सम्मेलन में प्रदीप सारंग, राम किशोर तिवारी, अजय प्रधान, प्रदीप महाजन, प्रमोद द्विवेदी ने काव्यपाठ किया।
न्यायमूर्ति मंजीत शुक्ला ने किया कार्यक्रम का शुभारंभ
हाई कोर्ट लखनऊ के न्यायमूर्ति मंजीत शुक्ला ने डॉ हनीमैन के चित्र पर माल्यार्पण कर होम्योपैथिक वैज्ञानिक संगोष्ठी का शुभारंभ किया। इस दौरान एक स्मारिका का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एमएलसी साकेंद्र प्रताप वर्मा, विशिष्ट अतिथि यूपी विधान परिषद के सदस्य अंगद कुमार सिंह व अवनीश कुमार सिंह, राष्ट्रीय होम्योपैथिक आयोग के बोर्ड के अध्यक्ष डॉ आनंद चतुर्वेदी, पूर्व केंद्रीय होम्योपैथिक परिषद के अध्यक्ष डॉ रामजी सिंह, होम्योपैथिक विभाग के निदेशक डॉ प्रमोद कुमार सिंह, डॉ मोहित सत्संगी, डॉ प्रदीप सिंह, डॉ रोचक मिश्रा, डॉ पवन पाण्डेय विशेष रूप से उपस्थित रहे।
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