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भ्रष्टाचार की इबारत लिखने में सफल आईएएस अभिषेक प्रकाश का जेल जाना तय !

उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को मिलाकर कुल पांच विभाग इस निलंबित आईएएस के खिलाफ जांच कर रहे हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और भूमि घोटालों से जुड़े कई मामलों में जांच तेज हो गई है।

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Anupam Singh
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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।  भ्रष्ट आईएएस अभिषेक प्रकाश यूपी में भ्रष्टाचार की इबारत लिखने में सफल साबित हुए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को मिलाकर कुल पांच विभाग इस निलंबित आईएएस के खिलाफ जांच कर रहे हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और भूमि घोटालों से जुड़े कई मामलों में जांच तेज हो गई है, जिससे उनकी कानूनी स्थिति गंभीर होती जा रही है। अगर जांच में दोष सिद्ध होता है तो जेल जाना तय है। 

इन्वेस्ट यूपी रिश्वत कांड

अभिषेक प्रकाश, जो पहले Invest UP के CEO थे, पर आरोप है कि उन्होंने SAEL Solar P6 Pvt Ltd से ₹8,000 करोड़ के सौर परियोजना की स्वीकृति के लिए 5% कमीशन की मांग की थी। यह मांग उनके करीबी बिचौलिए निकांत जैन के माध्यम से की गई थी। इस मामले में SIT ने 1,600 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें 50 से अधिक गवाहों के बयान और डिजिटल साक्ष्य शामिल हैं ।

भटगांव भूमि अधिग्रहण घोटाला

अभिषेक प्रकाश पर लखनऊ के भटगांव क्षेत्र में डिफेंस कॉरिडोर परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण में अनियमितताओं का आरोप है। राजस्व विभाग ने इस मामले में विस्तृत चार्जशीट नियुक्ति विभाग को भेजी है, जो अब उन्हें सौंपी जाएगी ।

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विजिलेंस जांच और संपत्ति की जांच

विजिलेंस विभाग ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) से अभिषेक प्रकाश और उनके परिवार के नाम पर दर्ज संपत्तियों का विवरण मांगा है। यह जांच आय से अधिक संपत्ति के संदेह के आधार पर की जा रही है, जिसमें उनके परिवार के सदस्यों की संपत्तियों की भी जांच शामिल है ।

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18 भ्रष्ट अधिकारी भी फंसे

अभिषेक प्रकाश के खिलाफ कुल पांच जांचें चल रही हैं, जिनमें पुलिस, विजिलेंस, प्रवर्तन निदेशालय (ED) और दो विभागीय जांचें शामिल हैं । इसके अलावा, डिफेंस कॉरिडोर भूमि अधिग्रहण घोटाले में भी उनकी संलिप्तता की जांच की जा रही है, जिसमें 18 अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है।इन सभी मामलों में जांच एजेंसियों की सक्रियता और सबूतों की गंभीरता को देखते हुए, अभिषेक प्रकाश की कानूनी स्थिति कठिन होती जा रही है। यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो उन्हें कठोर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है और जेल जाना तय है।

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