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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। कैश कांड मामले में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ केंद्र सरकार संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है। सरकार से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया कि 15 जुलाई के बाद शुरू होने वाले मानसून सत्र में यह प्रस्ताव लाया जा सकता है। हालांकि सरकार अभी इस बात का इंतजार कर रही है कि जस्टिस वर्मा खुद इस्तीफा दे दें। जाने इस मामले पर क्या कहते हैं वरिष्ठ अधिवक्तागण।
एडवोकेट प्रवीण सिंह ने कहा, हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज को हटाने के लिए महाभियोग संविधान के अनुच्छेद 124(4) के अंतर्गत लाया जा सकता है जिसमें सांसद के दोनों सदनों का बहुमत जरूरी है। यह न्यायपालिका और लोकतंत्र की गरिमा है कि अभी तक किसी जज के विरुद्ध महाभियोग पूर्ण रूप से पारित नहीं हुआ। ऐसी किसी प्रक्रिया से पहले विवादास्पद न्यायाधीश गरिमा के अनुसार स्वयं इस्तीफा दें तो बेहतर होगा।
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एडवोकेट राजविक्रम सिंह ने कहा, जस्टिस वर्मा अकेले जज नहीं हैं जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, हाईकोर्ट के ऐसे कई जज हैं जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। मेरे पास एक ऐसे जज के भ्रष्टाचार के साक्ष्य हैं और मैंने उनकी शिकायत भी मुख्य न्यायाधीश महोदय को भेजी हुई है।
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