लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।यूपी की राजधानी के मड़ियांव इलाके में एक चाय स्टॉल पर शुरू हुआ मामूली विवाद अब बड़ा मुद्दा बन गया है। 'मॉडल चाय वाली' के नाम से पहचान बना चुकीं पूर्व मिस गोरखपुर सिमरन और महिला पुलिसकर्मी के बीच हुई कहासुनी और हाथापाई का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई है। मामले में राम राम बैंक चौकी इंचार्ज आलोक कुमार चौधरी और सिपाही अभिषेक कुमार को लाइन हाजिर कर दिया गया है। वहीं, सिमरन द्वारा महिला सिपाही पर भी अभद्रता के आरोप लगाए गए हैं।
क्या है पूरा मामला, क्यों हुआ विवाद
गोरखपुर की रहने वाली सिमरन 2018 में ‘मिस गोरखपुर’ रह चुकी हैं। मॉडलिंग छोड़ उन्होंने गोरखपुर में 'मॉडल चाय' नाम से दुकान शुरू की थी, जो बाद में लखनऊ के मड़ियांव में शिफ्ट की गई। उनका स्टॉल सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय है, और युवा वर्ग में उन्हें 'प्रेरणादायक महिला उद्यमी' के रूप में देखा जाता है।बीते रविवार की रात यह घटना तब हुई जब पुलिस की गश्ती टीम ने सिमरन की दुकान पर देर रात तक भीड़ जुटी देखी। मड़ियांव थाना प्रभारी के अनुसार, रात करीब 12 बजे महिला सिपाही ने सिमरन को दुकान बंद करने को कहा, लेकिन उन्होंने असहमति जताई। पुलिस के लौटने के बाद, करीब एक बजे पुनः महिला पुलिस टीम दुकान पर पहुंची, जिसके बाद स्थिति बिगड़ गई। कथित तौर पर कहासुनी हाथापाई में बदल गई और सिमरन का आरोप है कि महिला सिपाही ने उनका कॉलर पकड़कर जबरन खींचा और थप्पड़ भी मारा।
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो वायरल होने पर मचा हड़कंप
घटना के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कुछ पुलिसकर्मी कथित रूप से सिमरन के साथ अभद्रता करते दिखाई दिए। वीडियो सामने आते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए चौकी इंचार्ज और संबंधित सिपाही को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया। एडीसीपी नॉर्थ जितेंद्र कुमार ने बताया कि “मामले की जांच की जा रही है। दोषियों पर साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।” मगर इस कार्रवाई को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं क्या पुलिस वास्तव में कानून व्यवस्था लागू कर रही थी, या फिर इसके पीछे कोई और ही मामला था। चूंकी सिमरन ने अवैध वसूली का भी प्रकरण उठाया है।
घटना के दूसरे दिन सिमरन का भी वीडियो हुआ वायरल
वायरल वीडियो के बाद सिमरन का एक और वीडियो सामने आया जिसमें वह रोते हुए कहती हैं कि, “मैं गोरखपुर में रात दो बजे तक दुकान चलाती थी, लेकिन यहां लखनऊ पुलिस मुझे डराने की कोशिश कर रही है। मैंने जब पुलिस की अवैध वसूली नहीं दी, तो मेरे साथ हाथापाई की गई। महिला सिपाही ने थप्पड़ मारा, कॉलर पकड़ा और जबरन प्राइवेट गाड़ी में बैठाने की कोशिश की गई।सिमरन का आरोप है कि पुलिस उन्हें टारगेट कर रही है, जबकि एक अन्य दुकानदार को संरक्षण दे रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिसकर्मी ने उन्हें धमकाया कि “तुम पर मुकदमा दर्ज कराकर बर्बाद कर देंगे।” उन्होंने साफ कहा कि अब वह इस मामले की शिकायत महिला आयोग से करेंगी।
यह है सिमरन के संघर्षों से बनी कहानी
सिमरन की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं। गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई करने वाली सिमरन ने मॉडलिंग में करियर बनाना चाहा था। 2018 में 'मिस गोरखपुर' बनीं, लेकिन कोरोना काल में पिता की नौकरी चली गई और आर्थिक हालात बिगड़ गए। उन्होंने बिजली विभाग में संविदा पर नौकरी की, लेकिन समय पर वेतन न मिलने पर छोड़ दी। इसके बाद 'एमबीए चायवाला' प्रफुल्ल बिलोरे से प्रेरित होकर 'मॉडल चाय वाली' के नाम से स्टार्टअप शुरू किया। सिमरन की मेहनत और संघर्ष से भरी इस यात्रा ने हजारों लोगों को प्रेरित किया, लेकिन अब वह खुद न्याय के लिए लड़ रही हैं।यह घटना सिर्फ एक दुकान या देर रात संचालन का मामला नहीं रह गया है, बल्कि यह पुलिस के आचरण, महिला सुरक्षा, और छोटे उद्यमियों के प्रति तंत्र के व्यवहार पर बड़ा प्रश्नचिह्न बन गई है। क्या किसी महिला उद्यमी के साथ इस तरह का व्यवहार उचित है? क्या पुलिस को अपनी सीमाओं का ध्यान नहीं रखना चाहिए? और क्या सोशल मीडिया पर वायरल न होता तो कार्रवाई होती?
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