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ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय पीएचडी में दाखिले की प्रक्रिया शुरू, 17 जुलाई तक करें आवेदन

ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए पीएचडी कार्यक्रमों में प्रवेश हेतु अनुसंधान प्रवेश परीक्षा (रिसर्च इंट्रेंस टेस्ट) की अधिसूचना जारी की है।

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Abhishek Mishra
ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय

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लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए पीएचडी कार्यक्रमों में प्रवेश हेतु अनुसंधान प्रवेश परीक्षा (रिसर्च इंट्रेन्स टेस्ट) की अधिसूचना जारी कर दी गई है। इच्छुक अभ्यर्थी 17 जुलाई 2025 तक विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

प्रवेश परीक्षा की अधिसूचना जारी

पीएचडी में प्रवेश के लिए तीन श्रेणियां निर्धारित की गई हैं। पूर्णकालिक, अंशकालिक और अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए प्रवेश। पूर्णकालिक पीएचडी कार्यक्रम में न्यूनतम अवधि तीन वर्ष और अधिकतम छह वर्ष तय की गई है। महिला अभ्यर्थियों और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले शोधार्थियों को दो वर्ष तक की अतिरिक्त अवधि की छूट मिलेगी। इसके अतिरिक्त, मातृत्व अथवा शिशु देखभाल के लिए 240 दिन तक का अवकाश एक बार दिया जा सकता है। कोर्स वर्क और शोध कार्य के दौरान शोधार्थियों की उपस्थिति का लेखा-जोखा विभागीय कार्यालय में संधारित किया जाएगा। पीएचडी में प्रवेश के लिए सामान्य, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस वर्ग के उम्मीदवारों के लिए प्रति विषय आवेदन शुल्क 2000 रुपये निर्धारित है, जबकि एससी, एसटी और दिव्यांग श्रेणी के लिए यह शुल्क प्रति विषय 1500 रुपये रहेगा।

अंशकालिक पीएचडी सिर्फ कार्यरत अभ्यर्थियों के लिए

अंशकालिक पीएचडी कार्यक्रम केवल उन्हीं अभ्यर्थियों के लिए अनुमन्य है जो किसी संस्था,संगठन में कार्यरत हैं और एनओसी प्रस्तुत करते हैं। प्रत्येक सेमेस्टर में शोधार्थी को न्यूनतम 10 दिन की भौतिक उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी। इस श्रेणी के अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार की फेलोशिप या छात्रवृत्ति प्राप्त नहीं होगी। 

अंतरराष्ट्रीय छात्रों को मिलेगा सुपरन्यूमेरेरी प्रवेश

प्रवेश की समस्त प्रक्रिया यूजीसी के नियमन-2022 और विश्वविद्यालय के पीएचडी अध्यादेश-2023 (प्रथम संशोधन-2024) के अनुसार संचालित होगी। अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए भी पीएचडी में प्रवेश की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक पर्यवेक्षक दो अतिरिक्त (सुपरन्यूमेरेरी) अंतरराष्ट्रीय शोधार्थियों का मार्गदर्शन कर सकता है। इच्छुक विदेशी छात्र संबंधित विभाग के शिक्षक से परामर्श कर कुलपति या कुलसचिव को आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। प्रवेश प्रक्रिया में छूट को छोड़कर, अन्य सभी शर्तें भारतीय छात्रों के समान ही रहेंगी।

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