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लखनऊ ब्रेल प्रेस को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार, दृष्टिबाधित विद्यार्थियों का भविष्य हो रहा रोशन

वर्तमान में दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की देखरेख में राज्य में कुल पाँच ब्रेल प्रेस सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। इन केंद्रों के माध्यम से दृष्टिबाधित छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल पाठ्यक्रम की पुस्तकों को ब्रेल लिपि में अनुवादित कर छापा जा रहा है।

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Abhishek Mishra
Lucknow Braille Press receives National Award
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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश में दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण को लेकर राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास न केवल मानवीय संवेदनाओं का सम्मान करते हैं, बल्कि यह भी स्पष्ट करते हैं कि सरकार "सबका साथ, सबका विकास" की भावना को ज़मीन पर साकार कर रही है। विशेष रूप से दृष्टिबाधित छात्रों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए ब्रेल प्रेस का संचालन एक क्रांतिकारी कदम साबित हो रहा है।

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दृष्टिबाधित युवाओं के आत्मनिर्भर भविष्य की आधारशिला

वर्तमान में दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की देखरेख में राज्य में कुल पाँच ब्रेल प्रेस सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। इन केंद्रों के माध्यम से दृष्टिबाधित छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल पाठ्यक्रम की पुस्तकों को ब्रेल लिपि में अनुवादित कर छापा जा रहा है। यह पहल इन विद्यार्थियों को समान शैक्षिक अवसर उपलब्ध कराने के साथ-साथ उनके आत्मविश्वास को भी मज़बूती प्रदान कर रही है। ब्रेल प्रेसों की यह व्यवस्था ना सिर्फ शैक्षणिक समावेशन का प्रतीक है, बल्कि यह दृष्टिबाधित युवाओं के आत्मनिर्भर भविष्य की दिशा में एक मजबूत आधारशिला भी सिद्ध हो रही है।

लखनऊ ब्रेल प्रेस की भूमिका सराहनीय

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विशेष रूप से लखनऊ स्थित राजकीय ब्रेल प्रेस की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही है। यहां से उत्तर प्रदेश बोर्ड की हाई स्कूल तक की सभी विषयों की पुस्तकें ब्रेल लिपि में उपलब्ध कराई गई हैं, जिससे राज्य के सैकड़ों दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को समय पर और सही सामग्री मिल रही है। यह सुनिश्चित करता है कि उन्हें मुख्यधारा की प्रतियोगी शिक्षा में कोई कमी न झेलनी पड़े। इस उल्लेखनीय कार्य के लिए भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने वर्ष 2019 में लखनऊ ब्रेल प्रेस को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया था। यह पुरस्कार न केवल संस्थान की गुणवत्ता का प्रतीक है, बल्कि योगी सरकार की दिव्यांगजन हितैषी नीतियों की भी पुष्टि करता है।

दिव्यांग छात्रों के लिए शैक्षिक संसाधनों का विकास

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बार-बार यह दोहराते रहे हैं कि "हर नागरिक, चाहे वह किसी भी शारीरिक स्थिति में हो, राज्य के विकास में सहभागी हो सकता है, बशर्ते उसे उचित संसाधन और अवसर दिए जाएं।" इसी सोच के तहत दिव्यांग छात्रों के लिए न केवल शैक्षिक संसाधनों का विकास, बल्कि छात्रवृत्तियों, छात्रावासों और तकनीकी प्रशिक्षण जैसी अनेक योजनाएं लागू की जा रही हैं।

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अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय मॉडल

दृष्टिबाधित छात्रों के लिए ब्रेल प्रेस का संचालन इस दिशा में एक बुनियादी और प्रभावी पहल है, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ समाज में सम्मानजनक स्थान प्राप्त करने में सहायक बन रहा है। सरकार का अगला लक्ष्य इन ब्रेल प्रेस को और अधिक तकनीकी रूप से उन्नत बनाना और डिजिटल ब्रेल सामग्री को भी उपलब्ध कराना है, ताकि छात्र वैश्विक स्तर की शिक्षा से जुड़ सकें। उत्तर प्रदेश में जिस प्रकार योगी सरकार ने दिव्यांग छात्रों के लिए शिक्षा को अधिकार नहीं बल्कि अवसर में परिवर्तित किया है, वह देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल बनता जा रहा है।

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