Advertisment

Lucknow News : रसायनों से पकाए फल दे रहे कैंसर, खाने से पहले हो जाएं सतर्क, जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ

बलरामपुर अस्पताल के पूर्व चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जनार्दन शुक्ला बताते हैं कि इन रसायनों से पकाए गए फल न्यूरोलॉजिकल परेशानियां भी पैदा कर सकते हैं, जैसे सिर में दर्द, चक्कर आना और तंत्रिका तंत्र में गड़बड़ी।

author-image
Abhishek Mishra
Fruits ripened chemicals causing cancer

रसायनों से पकाए जा रहे फल दे रहें कैंसर Photograph: (YBN)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। डॉक्टर लगातार सलाह दे रहे हैं कि स्वस्थ जीवन जीने के लिए फलों का नियमित सेवन जरूरी है। फल न केवल पोषण से भरपूर होते हैं, बल्कि इनमें मौजूद प्राकृतिक विटामिन और मिनरल्स गंभीर बीमारियों से लड़ने में भी सहायक होते हैं। लेकिन बाजार में मौजूद अधिकतर फल अब हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी नहीं, बल्कि हानिकारक साबित हो रहें हैं।

Advertisment

फलों को पकाने में इन रसायनों का उपयोग

मौजूदा समय में व्यापारी मुनाफा कमाने के लिए फलों को प्राकृतिक रूप से पकने का इंतजार नहीं करते, बल्कि समय से पहले ही उन्हें रसायनों से कृत्रिम रूप से पका देते हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है 'फलों का राजा' आम। आम को पकाने के लिए अक्सर कैल्शियम कार्बाइड और ईथर जैसे रसायनों का उपयोग किया जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ये रसायन शरीर के आंतरिक अंगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और लंबे समय तक इनके सेवन से कैंसर जैसी लाइलाज बीमारियां तक हो सकती हैं। डॉक्टरों की मानें तो ऐसे फलों के सेवन से नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है, लीवर और किडनी पर बुरा असर पड़ता है, और बच्चों में विकास संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न होती है।

इनके सेवन से स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव

Advertisment

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में बिकने वाले अधिकतर फलों को जल्दी पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का प्रयोग किया जाता है। यह केमिकल पानी के संपर्क पर एसिटिलीन गैस रिजीज करता है। जो फल को कृत्रिम रूप से पका देता है। हालांकि इस प्रक्रिया से फल जल्दी पक जाते हैं लेकिन इनके सेवन से स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कैल्शियम कार्बाइड से पके फल लगातार खाने से पेट की समस्याएं, सिरदर्द, उल्टी, दस्त और यहां तक कि कैंसर तक हो सकता है। खासतौर पर बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए ऐसे फलों का सेवन बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।

केमिकल से पके फलों से कैंसर का खतरा

सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश श्रीवास्तव का कहना है कि कैल्शियम कार्बाइड या अन्य रासायनिक पदार्थों से पकाए गए फल सेहत के लिए खतरनाक होते हैं। ऐसे फलों का सेवन शरीर में जहरीले तत्वों की मात्रा बढ़ा सकता है, जिससे पाचन तंत्र, फेफड़े और अन्य आंतरिक अंगों पर बुरा असर पड़ सकता है। कैल्शियम कार्बाइड में मौजूद आर्सेनिक और फॉस्फोरस जैसे रसायन शरीर में जाकर जहर का काम करते हैं। इसके कारण गैस, अपच, दस्त और पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

Advertisment

इन बीमारियों को दे रहा जन्म

बलरामपुर अस्पताल के पूर्व चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जनार्दन शुक्ला बताते हैं कि इन रसायनों से पकाए गए फल न्यूरोलॉजिकल परेशानियां भी पैदा कर सकते हैं, जैसे सिर में दर्द, चक्कर आना और तंत्रिका तंत्र में गड़बड़ी। इसके अलावा कैल्शियम कार्बाइड से बनने वाली गैसें श्वसन तंत्र को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे खांसी, गले में जलन और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। इसमें मौजूद जहरीले तत्व लंबे समय में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकते हैं।

गर्भस्थ शिशु में कमजोर प्रतिरोधक क्षमता

Advertisment

रामप्रकाश गुप्ता मातृ एवं शिशु रेफरल अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ मालविका मिश्रा के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान मिलावटी या कृत्रिम रूप से पकाए गए फलों का सेवन मां और शिशु दोनों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। इन फलों में उपयोग होने वाले रसायन न केवल महिला की पाचन प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं, बल्कि गर्भस्थ शिशु के विकास में भी बाधा डाल सकते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसे मामलों में नवजात को जन्म के बाद सांस लेने में दिक्कत, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। डॉक्टर ने कहा कि महिलाएं गर्भावस्था के दौरान केवल प्राकृतिक और ताजे फलों का ही सेवन करें और बाजार में बिक रहे चमकदार फलों से दूरी बनाए रखें।

कैसे पहचानें कार्बाइड से पके फल

विशेषज्ञों के अनुसार, बाजार में मिलने वाले रसायन से पकाए गए फलों को निम्नलिखित संकेतों से पहचाना जा सकता है-

गंध से करें पहचान- प्राकृतिक रूप से पके फलों की खुशबू ताजगी भरी होती है, जबकि केमिकल से पकाए गए फलों में एक तीखी, कृत्रिम गंध महसूस होती है।

रंग में असमानता- ऐसे फलों की बाहरी सतह अधिक चमकीली और पीली हो सकती है, लेकिन अंदर का गूदा अक्सर अधपका और सफेद रह जाता है।

स्पर्श से फर्क समझें- रासायनिक रूप से पकाए गए फल सामान्य से अधिक नरम हो सकते हैं और हल्के दबाव में भी दब जाते हैं।

स्वाद में बनावटीपन- इन फलों का स्वाद असामान्य और कृत्रिम होता है, जो प्राकृतिक मिठास से अलग होता है।

वजन में हल्के- पूरी तरह परिपक्व न होने के कारण इन फलों में पानी की मात्रा कम होती है, जिससे ये हल्के लगते हैं।

यह भी पढ़ें- केशव प्रसाद मौर्य का सपा-कांग्रेस पर तीखा वार, कहा- 2047 तक अखिलेश को नहीं मिलेगी सत्ता, अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर खरगे व राहुल की समझ बौनी

यह भी पढ़ें- नहीं रहे राज्य सूचना आयुक्त गिरजेश चौधरी, दिल का दौरा पड़ने से निधन

यह भी पढ़ें- अनुप्रिया पटेल का पंचायत चुनाव अकेले लड़ने के एलान : मंत्री जयवीर सिंह बोले- ज्यादा सीटें पाने को कर रहीं बयानबाजी

Advertisment
Advertisment