लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता ।राजधानी के मड़ियांव इलाके में 21 वर्षीय अनिल श्रीवास्तव की रहस्यमय मौत के मामले में पुलिस की सुस्त कार्यवाही पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। युवक की लाश नाले में मिलने के तीन दिन बाद भी पुलिस आरोपी पत्नी, उसके प्रेमी और ससुराल पक्ष के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इससे मृतक के परिजनों में भारी आक्रोश है।
12 अप्रैल को अनिल अचानक गायब हो गया था
मामा कॉलोनी निवासी अनिल श्रीवास्तव की लाश रविवार सुबह दाउदनगर के 60 फुटा रोड स्थित नाले में मिली थी। इससे दो दिन पहले 12 अप्रैल को अनिल अचानक गायब हो गया था। परिजनों के अनुसार, उसकी पत्नी पलक के प्रेमी अजीत विश्वकर्मा से रिश्ते की वजह से घर में लगातार विवाद होते थे। 11 अप्रैल की रात दोनों के बीच मारपीट हुई थी, जिसके बाद अनिल घर से निकला और फिर लापता हो गया।
पुलिस को चेताया गया, पर नहीं ली गई गंभीरता
परिजनों ने बताया कि 12 अप्रैल को ही पलक ने बताया कि अनिल पीपा पुल से कूदने की धमकी देकर गया है। परिवार ने तुरंत खोजबीन शुरू की और मड़ियांव पुलिस को भी सूचित किया, लेकिन कोई गंभीर प्रयास नहीं किए गए। आखिरकार 14 अप्रैल को गुमशुदगी दर्ज की गई और 16 अप्रैल को युवक की लाश नाले से बरामद हुई।
पोस्टमार्टम में डूबने से मौत की पुष्टि, फिर भी हत्या का मामला दर्ज
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अनिल की मौत पानी में डूबने से बताई गई है, लेकिन परिजनों का आरोप है कि उसे सुनियोजित तरीके से मारा गया। पिता गुड्डू श्रीवास्तव की तहरीर पर पलक, उसके प्रेमी अजीत, सास पूनम और ससुर मल्हू के खिलाफ हत्या का केस दर्ज हुआ है। बावजूद इसके, पुलिस तीन दिन बीत जाने के बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है।
पुलिस की लचर कार्यशैली पर उठे सवाल
मामले की जांच मड़ियांव इंस्पेक्टर शिवानंद मिश्रा के जिम्मे है, जिन्होंने केवल इतना कहकर पल्ला झाड़ लिया कि "आरोपियों की तलाश की जा रही है, जल्द गिरफ्तारी होगी।" सवाल ये है कि जब नामजद आरोपी हैं और एफआईआर दर्ज हो चुकी है, तो अब तक गिरफ्तारी में देरी क्यों?
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परिजनों का फूटा गुस्सा
अनिल के परिवार वालों का कहना है कि अगर जल्द गिरफ्तारी नहीं हुई तो वे थाने के बाहर धरना देंगे और मुख्यमंत्री से मिलकर न्याय की गुहार लगाएंगे। परिजनों का यह भी कहना है कि पुलिस जानबूझकर मामले को कमजोर कर रही है ताकि आरोपियों को राहत मिल सके।