लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। जन शिकायतों के त्वरित और संतोषजनक समाधान को लेकर शुक्रवार को मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब की अध्यक्षता में एक अहम समीक्षा बैठक आयोजित की गई। आयुक्त कार्यालय में हुई इस बैठक में अपर आयुक्त प्रशासन राधेश्याम सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
निस्तारण में ढिलाई पर कठोर कार्रवाई
समीक्षा बैठक में IGRS पोर्टल और मुख्यमंत्री संदर्भ से संबंधित लंबित मामलों की विस्तार से समीक्षा की गई। मंडलायुक्त ने अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि शिकायतों के निस्तारण में अब किसी भी प्रकार की ढिलाई सहन नहीं की जाएगी। यदि किसी विभाग में शिकायतों के निस्तारण में अनियमितता या शिथिलता पाई गई, तो संबंधित अधिकारी-कर्मचारी पर कठोर कार्रवाई तय होगी।
फीडबैक के जरिए जांचे विभागों की कार्यप्रणाली
मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि समाधान दिवस की शिकायत हो या ऑनलाइन दर्ज मामला, सभी का निस्तारण समयसीमा के भीतर और गुणवत्ता के साथ किया जाए। उन्होंने कहा कि निस्तारण के बाद शिकायतकर्ता से फोन पर संपर्क कर फीडबैक जरूर लिया जाए। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि समाधान वास्तव में संतोषजनक रहा या नहीं। बैठक के दौरान बताया गया कि मंडल स्तर पर मुख्यमंत्री संदर्भ के 15 और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के 7 प्रकरण अब भी लंबित हैं। इसके अलावा जल निगम ग्रामीण लखनऊ के मामलों में 34 शिकायतकर्ताओं ने असंतोष व्यक्त किया है, जिसे मंडलायुक्त ने गंभीरता से लिया।
एक सप्ताह में सभी मामले निपटाएं
मंडलायुक्त ने सभी विभागों को निर्देश दिया कि एक सप्ताह के भीतर लंबित मामलों का संतोषजनक व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करें। अन्यथा जिम्मेदारी तय कर संबंधित अधिकारियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिकायतों के समाधान की गुणवत्ता से ही जनपद की रैंकिंग और सरकार की छवि तय होती है, अतः इसमें कोई कोताही न हो।
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