Advertisment

सड़क दुर्घटनाओं और जाम को कम करने के लिए यूपी में नई कार्ययोजना लागू

उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं और यातायात जाम को कम करने के लिए पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राज्यव्यापी समीक्षा बैठक की। तीन प्रमुख सड़क हॉटस्पॉट पर विशेष कार्रवाई से अगस्त-सितम्बर में दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय कमी देखी गई।

author-image
Shishir Patel
Traffic Safety

समीक्षा बैठक करते डीजीपी राजीव कृष्ण ।

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।उत्तर प्रदेश में सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से पुलिस महानिदेशक (PDG)राजीव कृष्ण की अध्यक्षता में प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक विशेष समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं को कम करना और बड़े शहरों में यातायात जाम की समस्या को नियंत्रित करना था।

डीजीपी की दस प्राथमिकता में अब यातायात सुधार भी शामिल 

पुलिस महानिदेशक ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद यातायात सुधार को अपनी शीर्ष दस प्राथमिकताओं में शामिल किया और निर्देश दिए कि यातायात निदेशालय एक व्यापक कार्ययोजना तैयार करे। इसके तहत दुर्घटना हॉटस्पॉट, उनके कारण और उनके निवारण के उपायों का विश्लेषण किया गया।इस योजना के तहत यातायात निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रदेश के तीन सबसे अधिक सड़क दुर्घटना प्रभावित मार्गों का स्थल निरीक्षण किया। निरीक्षण में रोड इंजीनियरिंग, संसाधनों, तकनीकी पहलुओं और मानव बल की उपलब्धता का अध्ययन कर दुर्घटनाओं को कम करने के लिए ठोस रणनीति तैयार की गई।

चिन्हित तीन प्रमुख मार्ग

NH-34 (सिकन्दराबाद–बुलन्दशहर से गभाना टोल प्लाजा, अलीगढ़)

NH-27 (अवध चौराहा, लखनऊ से जाजमऊ पुल, उन्नाव)

NH-34 (नौबस्ता से सजेती, कानपुर)

इन मार्गों पर दो महीने तक योजनाबद्ध रूप से विशेष कार्रवाई की गई

स्ट्रैच-1: अगस्त 2025 में 33.33% और सितम्बर में 81.48% कमी।

स्ट्रैच-2: अगस्त में 64.29% और सितम्बर में 90.48% कमी।

स्ट्रैच-3: अगस्त में 38.46% कमी, सितम्बर में स्थिति स्थिर।

राज्यव्यापी कार्ययोजना के मुख्य बिंदु

यातायात प्रबंधन में सुधार को प्राथमिकता दी गई, जिसमें शहरों को जाममुक्त बनाना और सड़क दुर्घटनाओं में जनहानि न्यूनतम करना शामिल है।बड़े महानगरों के साथ-साथ अन्य प्रमुख शहरों को भी ध्यान में रखा गया।MORTH के Zero Fatality District (ZFD) कार्यक्रम के अंतर्गत iRAD डेटाबेस के आंकड़ों के आधार पर वर्ष 2023 एवं 2024 में दुर्घटनाओं के उच्च स्तर वाले 15 जिलों को एक्सीडेंटल डेथ रिडक्शन डिस्ट्रिक्ट के रूप में चिन्हित किया गया।कुल 20 जिलों में 233 क्रिटिकल पुलिस थाने, 89 क्रिटिकल कारीडोर और 3233 क्रिटिकल क्रैश लोकेशन चिन्हित की गई।इन जिलों में सिविल पुलिस को विशेष जिम्मेदारी दी गई, साथ ही प्रत्येक क्रिटिकल थाने को एल्कोमीटर, स्पीड गन और अन्य अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराए गए।क्रिटिकल कारीडोर टीमों का गठन कर उन्हें विशेष प्रशिक्षण और एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन की जिम्मेदारी दी गई।

सड़क सुरक्षा केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं: डीजीपी 

सड़क इंजीनियरिंग और अन्य संबंधित विभागों के साथ समन्वय सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संबंधित डीसीपी/एसपी ट्रैफिक को दी गई।सभी कार्यवाहियों की नियमित मॉनिटरिंग और समीक्षा पुलिस मुख्यालय स्तर से की जाएगी।कार्ययोजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए विस्तृत SOP (Standard Operating Procedure) जारी की गई है, जिसमें सभी चरणों के स्पष्ट दिशा-निर्देश शामिल हैं।पुलिस महानिदेशक ने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि सड़क उपयोगकर्ताओं, प्रशासन और स्थानीय निकायों का सहयोग भी आवश्यक है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस योजना के प्रभावी कार्यान्वयन से प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी आएगी और यातायात की स्थिति सुधरेगी।

Advertisment

यह भी पढ़ें: Lucknow Crime: मानसिक रूप से अस्वस्थ युवती से दुष्कर्म करने वाला आरोपी दुर्गविजय यादव गिरफ्तार

यह भी पढ़ें: विश्‍वकप विजेता DSP दीप्ति : भाई के समर्पण और मेहनत से कैसे बनीं स्टार क्रिकेटर , जानिए पूरी कहानी

यह भी पढ़ें: UP News : माफिया मुख्तार से खाली कराई गई जमीन पर बने फ्लैटों की चाबी आज लाभार्थियों को मिलेगी

Advertisment
Lucknow news
Advertisment
Advertisment