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Crime News: ओमेक्स सिटी विवाद, एएसपी पर बंधक बनाने और धमकी देने का मुकदमा दर्ज

राजधानी में तालाब की जमीन पर सरकारी कार्रवाई के दौरान नगर निगम की महिला नायब तहसीलदार और उनकी टीम को बंधक बनाने, अभद्रता करने और धमकी देने के आरोप में एएसपी के खिलाफ बिजनौर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। तीन महीने की जांच के आदेश के बाद यह कार्रवाई हुई।

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Shishir Patel
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फाइल फोटो

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी की राजधानी में प्रशासनिक अमले और एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के बीच गंभीर टकराव का मामला सामने आया है। औरंगाबाद खालसा स्थित ओमेक्स सिटी में तालाब की जमीन को उसके मूल स्वरूप में बहाल कराने गई नगर निगम की टीम के साथ कथित दुर्व्यवहार, बंधक बनाने और धमकी देने के मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  वीरेंद्र कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। महिला नायब तहसीलदार और उनकी टीम को मौके पर अभद्रता झेलनी पड़ी, मोबाइल फोन छीना गया और गोली मारने की धमकी तक दी गई।

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महिला नायब तहसीलदार के साथ एएसपी ने की अभद्रता 

जानकारी के लिए बता दें कि 16 फरवरी को नगर निगम की महिला नायब तहसीलदार कुमकुम मिश्रा अपनी टीम के साथ औरंगाबाद खालसा स्थित ओमेक्स सिटी में तालाब की जमीन पर सरकारी आदेश के तहत पुनर्सृजन की कार्रवाई कर रही थीं। तभी वहां पुलिस मुख्यालय में तैनात एएसपी वीरेंद्र कुमार कुछ लोगों के साथ मौके पर पहुंचे और कथित रूप से कार्रवाई में बाधा डालते हुए नायब तहसीलदार का मोबाइल फोन छीन लिया।आरोप है कि उन्होंने नायब तहसीलदार को एक घंटे तक मौके पर बंधक बनाए रखा। इस दौरान न केवल अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया, बल्कि उन्हें गोली मारने की धमकी तक दी गई। 

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बमुश्किल मिली राहत, फिर भी नहीं हुई तत्काल कार्रवाई

किसी तरह स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद बिजनौर थाने की टीम मौके पर पहुंची और महिला अधिकारी व उनकी टीम को मुक्त कराया गया। इसके बाद पीड़िता ने विभागीय स्तर पर शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अंततः 17 फरवरी को उन्होंने थाने में लिखित शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई से परहेज़ किया।लगातार दबाव और उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद आखिरकार तीन महीने की जांच के बाद एएसपी वीरेंद्र कुमार के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। इसी से पुलिस की कार्यप्रणाली का अंदाजा लगाया जा सकता है। एक महिला नायब तहसीलदार को तीन माह तक पुलिस टरकाती रही तो आम इंसान की शिकायत को कितनी गंभीरता से लिया जाता होगा इसका अंदाजा इसी से लगाया सकता है। 

डीसीपी ने पूरे मामले की जांच एडीसीपी दक्षिणी को सौंपी 

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फिलहाल आरोपी अधिकारी की तैनाती पुलिस मुख्यालय में है और इससे पहले भी वे महानगर क्षेत्र में विवादों में रह चुके हैं। डीसीपी दक्षिणी निपुण अग्रवाल ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और साक्ष्यों के आधार पर आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी। एडीसीपी दक्षिणी को इस मामले की जांच सौंपी गई है। वहीं, एसीपी कृष्णानगर विकास पांडेय ने कहा कि पूरे मामले की विस्तृत छानबीन की जा रही है और दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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