लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
लखनऊ में सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नीतियों के विरोध में अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने प्रदर्शन किया गया। बड़ी संख्या में संतों, साध्वियों, बच्चों और संगठन के कार्यकर्ताओं ने गांधी प्रतिमा स्थल पर एकत्र होकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की। प्रदर्शनकारी संतों ने हाथों में तख्तियां और त्रिशूल लिए हुए जय श्री राम और ममता बनर्जी मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल में हिंदू समुदाय के साथ हो रहे अन्याय पर ममता सरकार आंखें मूंदे बैठी है।
संगठन ने लगाए गंभीर आरोप
हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद चिंताजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि वहां की ममता सरकार एकपक्षीय रवैया अपना रही है और तुष्टीकरण की राजनीति के चलते हिंदू समाज को लगातार दबाया जा रहा है। उनका कहना है की पश्चिम बंगाल में मंदिरों पर हमले हो रहे हैं, धार्मिक कार्यक्रमों में बाधा डाली जा रही है और हिंदू महिलाओं की सुरक्षा खतरे में है। लेकिन सरकार की ओर से न तो कोई कार्रवाई की जाती है और न ही पीड़ितों को न्याय मिलता है।
महिला संतों और युवाओं की भागीदारी
विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिला साध्वियां और युवा भी शामिल हुए। महिला संतों ने कहा कि बंगाल में महिलाओं के साथ हिंसा और उत्पीड़न की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन ममता सरकार इन पर मौन है। उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री होकर ममता बनर्जी महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर पा रहीं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
केंद्र सरकार से की हस्तक्षेप की मांग
प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे तत्काल बंगाल की स्थिति का संज्ञान लें और वहां राष्ट्रपति शासन लागू करें। संत समाज ने चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार ने शीघ्र कदम नहीं उठाए, तो यह आंदोलन पूरे देश में फैल सकता है।
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