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भीषण गर्मी में लग सकता है महंगी बिजली का झटका, दरों में 30% बढ़ोतरी का प्रस्ताव आयोग में दाखिल

विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि पावर कारपोरेशन द्वारा गुपचुप तरीके से बिजली दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दाखिल करने से नियामक आयोग की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई है।

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Deepak Yadav
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भीषण गर्मी में लग सकता है महंगी बिजली का झटका

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी के लोगों भीषण गर्मी में महंगी बिजली का झटका लग सकता है। पावर कारपोरेशन ने सोमवार को विद्युत नियामक आयोग में संशोधित वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एअरआर) प्रस्ताव दाखिल किया है। इसके अनुसार,  वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 19644 करोड रुपये के घाटे का हवाला देते हुए बिजली दरों और कनेक्शल शुक्ल में 30 प्रतिशत बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव दिया है। वहीं. दूसरी और प्रातावित दर वृद्धि का विरोध शुरू हो गया है। ऊर्जा और उपभोक्ता संगठनों ने इस कदम को निजी घरानों को लाभ पहुंचाने वाला बताया है।

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सवालों के घेरे में नियामक आयोग की भूमिका

विद्युत उपभोक्ता परिषद ने अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि गुपचुप तरीके से बिजली दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दाखिल करने से नियामक आयोग की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। ऊर्जा क्षेत्र में 30 फीसद सबसे बड़ी प्रस्तावित बढ़ोतरी है। पावर कारपोरेशन ने नए कनेक्शन का शुल्क 25 से 30 प्रतिशत बढ़ाने के लिए कॉस्ट डाटा बुक भी नियामक आयोग में दाखिल किया है। आयोग में पावर कॉरपोरेशन की तरफ से निजीकरण के मसौदे पर सलाह लेने का प्रस्ताव भी दाखिल कर दिया गया है। 

निजीकरण के लिए दरें बढ़ाने की साजिश

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वर्मा ने कहा कि बिजली कंपनियों की तरफ से दाखिल एअरआर के सभी आंकड़े समाचार पत्रों में प्रकाशित हो गए हैं। उपभोक्ताओं से आपत्तियां भी मांग ली गई हैं। सात जुलाई से बिजली दर की सुनवाई शुरू हो चुकी है। ऐसे में नियामक आयोग श्रेणीवार बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव कैसे स्वीकार कर सकता है। ऐसा पहले भी हुआ था। उस समय परिषद के विरोध के बाद अयोग ने प्रस्ताव खारिज कर दिया था।

बिजली दरों में पहली बार श्रेणीवार बढ़ोत्तरी

वर्मा ने कहा कि निजीकरण के चलते अडानीए टाटा] एनपीसीएलए, टोरेंट पावर सहित अन्य बड़े उद्योगपति नई बिजली कंपनियों को खरीदना चाहते हैं। उनकी पहली शर्त है कि बिजली दरें और कनेक्शन शुल्क बढ़ाए जाएं। सस्ती दरों पर बिजली कंपनियों का टेंडर निकाला जाए। जिससे मोटा फायदा हो सके। पावर कारपोरेशन उन्हीं के इशरे पर ऐसा कर रहा है। दुर्भाग्य है कि विद्युत नियामक आयोग भी उनका साथ है। कहा, ऊर्जा क्षेत्र के इतिहास में पहली बार श्रेणी के अधार पर बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दाखिल किया गया है। दरें बढ़ने का सबसे ज्यादा बोझ  ग्रामीणों पर पड़ेगा।

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प्रस्तावित कैटेगरी     दरों में प्रस्तावित  (प्रतिशत)

शहरी घरेलू                     35 से 40
ग्रामीण घरेलू                   40 से 45
कॉमर्शियल                     20से 25
उद्योग                            15 से 18
कुल औसत                     29 से 30

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