लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
बिहार में बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम आज उस वक्त देखने को मिला जब अचानक लालू प्रसाद यादव के ऑफिशल X हैंडल से एक पोस्ट कर तेज प्रताप यादव को पार्टी से निष्कासित करने का ऐलान किया गया। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के फैसले के बाद से देशभर में राजनीतिक गलियारों से अलग अलग प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी है।
लालू ने बेटे को पार्टी और परिवार से किया अलग
लालू प्रसाद यादव ने बेटे को निकालने का फैसला करते वक्त कहा कि "निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमज़ोर करता है। ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूँ। अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी। उसे पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है।" लालू ने आगे कहा कि "अपने निजी जीवन का भला -बुरा और गुण-दोष देखने में वह स्वयं सक्षम है। उससे जो भी लोग संबंध रखेंगे वो स्वविवेक से निर्णय लें। लोकजीवन में लोकलाज का सदैव हिमायती रहा हूँ। परिवार के आज्ञाकारी सदस्यों ने सावर्जनिक जीवन में इसी विचार को अंगीकार कर अनुसरण किया है।"
सपा प्रवक्ता ने फैसले को बताया गलत
लालू प्रसाद यादव के फैसले पर टिप्पणी करते हुए समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फ़करूल हसन चांद ने कहा कि "निजी जीवन और राजनीतिक जीवन मे फर्क होता है परिवार और निजी जीवन के फैसलों से पार्टी मे फर्क नहीं पड़ता है ! ! तेज प्रताप यादव RJD को पार्टी से बर्खास्त करना बिलकुल उचित कदम नहीं है। चांद ने आगे कहा कि "भाजपा का इतिहास परिवार और पार्टी दोनों तोड़ने की साजिश का रहा है ऐसा लगता है RJD ने फैसला जल्दबाज़ी मे किया। बिहार चुनाव सर पे है आदरणीय लालू प्रसाद यादव जी को फैसले पे पुनः विचार करना चाहिये"
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