लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।उत्तर प्रदेश पुलिस महकमे में शीर्ष नेतृत्व को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। मौजूदा डीजीपी प्रशांत कुमार 31 मई को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। ऐसे में महकमे के साथ-साथ राजनीतिक गलियारों में भी यह सवाल गूंज रहा है कि आख़िर यूपी को अगला डीजीपी कौन मिलेगा? क्या प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार मिलेगा या फिर प्रदेश पहली बार किसी महिला अधिकारी को डीजीपी बनाएगा?, अब इन सबका जवाब पांच दिन बाद ही मिल पाएंगा।
यह भी पढ़े : Uttar Pradesh में 28 pps अधिकारियों के तबादले
सेवा विस्तार की चर्चा ज़ोरों पर
जानकारी के लिए बता दें कि 1990 बैच के आईपीएस प्रशांत कुमार 1 फरवरी 2024 से कार्यवाहक डीजीपी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। मूल रूप से बिहार के सीवान के रहने वाले प्रशांत कुमार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद अफसर माने जाते हैं। सूत्रों के अनुसार, उनके सेवा विस्तार के लिए केंद्र को पत्र भेजा जा चुका है, अब सिर्फ औपचारिक स्वीकृति का इंतजार है। अगर यह स्वीकृति मिलती है तो वह प्रदेश में नेतृत्व की निरंतरता बनाए रखेंगे, जो आगामी त्योहारों, चुनावों और कानून-व्यवस्था के लिहाज से अहम होगा।
प्रतिद्वंद्वी अफसरों की लंबी फेहरिस्त
-यदि प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार नहीं मिला तो डीजीपी की कुर्सी के लिए कई वरिष्ठ अधिकारी रेस में हैं।
-राजीव कृष्ण (1991 बैच): वर्तमान में यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष हैं और विजिलेंस के भी महानिदेशक हैं।
-वीके मौर्य (1990 बैच): पुलिस के कई महत्वपूर्ण रेंज जैसे आगरा, अलीगढ़, गोरखपुर, बरेली, फैजाबाद, सहारनपुर और मेरठ में डीआईजी रह चुके हैं।
-एमके बशाल (1990 बैच): वर्तमान में पावर कॉरपोरेशन में डीजी हैं और फरवरी 2025 में रिटायर होंगे।
-तिलोत्तमा वर्मा (1990 बैच): डीजी प्रशिक्षण पद पर कार्यरत हैं और एकमात्र महिला अफसर हैं। यदि प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार नहीं मिलता, तो यूपी को पहली महिला डीजीपी मिलने का रास्ता साफ हो सकता है।
यह भी पढ़े : Crime News: कैसरबाग बस स्टेशन के पास वकीलों के दो गुटों में फायरिंग, दोनों घायल
31 मई को कई वरिष्ठ अफसर होंगे रिटायर
प्रशांत कुमार के साथ-साथ डीजी जेल पीवी रामाशास्त्री, डीजी टेलीकॉम संजय एम. तरडे, आईजी भारती सिंह, डीआईजी किरण यादव, डॉ. अरविंद चतुर्वेदी और तेज स्वरूप सिंह जैसे वरिष्ठ अफसर भी 31 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में बड़े स्तर पर नेतृत्व परिवर्तन होना तय है।
पहले भी इन अफसरों को मिल चुका है सेवा विस्तार
यह कोई पहली बार नहीं है जब डीजीपी पद पर सेवा विस्तार की मांग उठी हो। पूर्व में डीजीपी अरविंद कुमार जैन (अखिलेश सरकार) और सुलखान सिंह (योगी सरकार) को तीन-तीन महीने का सेवा विस्तार मिल चुका है। जबकि हाल ही में डीजी फायर सर्विस अविनाश चंद्र का प्रस्ताव खारिज हो गया था। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा को मिले सेवा विस्तार से यह उम्मीद बनी हुई है कि केंद्र प्रशांत कुमार के मामले में सकारात्मक निर्णय ले सकता है।
यह भी पढ़े : दो मूसा, दो कातरा... नौतपा तय करेगा बारिश का रुख, जानिए इन नौ दिनों का राज
फिलहाल अभी तिलोत्तमा वर्मा का नाम सबसे आगे
अब सभी की निगाहें केंद्र सरकार के फैसले पर टिकी हैं। अगर सेवा विस्तार नहीं मिलता, तो तिलोत्तमा वर्मा का नाम सबसे आगे है, जिससे उत्तर प्रदेश को पहली महिला डीजीपी मिल सकती है। वहीं, प्रशांत कुमार के करीबी माने जाने के कारण यह भी संभव है कि उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद कोई और बड़ी प्रशासनिक जिम्मेदारी सौंपी जाए।फिलहाल, अगला डीजीपी कौन होगा यह फैसला न सिर्फ कानून-व्यवस्था, बल्कि महिला नेतृत्व, राजनीतिक संतुलन और प्रशासनिक मजबूती जैसे कई पहलुओं को ध्यान में रखकर आगे फैसला लिया जाएगा।