लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ खण्डपीठ की डबल बेंच ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी के नेता विनय शंकर तिवारी (Vinay Shankar Tiwari) की गिरफ्तारी मामले में सुनवाई की। सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से 754 करोड़ रुपये हड़पने के मामले में जांच पड़ताल करने और इसके बाद गिरफ्तारी करने के संबंध में अपना पक्ष रखा गया। वहीं, लखनऊ खण्डपीठ ने दोनों पक्ष को सुनने के बाद विनय शंकर तिवारी को जमानत दे दी।
अजीत पाण्डेय को भी मिली जमानत
विनय शंकर तिवारी के साथ में गिरफ्तार किये गये अजीत पाण्डेय को भी जमानत मिली है। बताया जा रहा है कि सात अप्रैल 2025 को प्रवर्तन निदेशालय ने समाजवादी पार्टी के नेता विनय शंकर से पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था। पूरा मामला विनय शंकर तिवारी के फर्म गंगोत्री इंटरप्राइजेज के बैंक की 754 करोड़ रूपये की रकम हड़पने से जुड़ा हुआ है।
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भाई कुशल तिवारी ने ईडी पर लगाए गंभीर आरोप
विनय शंकर तिवारी के भाई कुशल तिवारी ने ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने सिर्फ परेशान करने के लिए विनय शंकर की गिरफ्तारी की थी। जिस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने विनय को गिरफ्तार किया था, उससे संबंधित मामले में पहले ही एनसीएलटी और एनसीएएलटी ने विनय को क्लीन चिट दे चुके हैं।