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ठाकुरों के ‘कुटुंब’ ने बढ़ाई यूपी की राजनीति में हलचल

कुटुंब परिवार के बहाने ठाकुर विधायकों के जमावड़े ने नई राजनीतिक हलचल के संकेत दिए हैं। माना जा रहा है कि ठाकुर समाज ने इस कार्यक्रम के जरिये न सिर्फ अपनी ताकत दिखाई है बल्कि यूपी की राजनीति में अपने प्रभाव का संदेश भी दिया है।

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Deepak Yadav
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ठाकुरों के ‘कुटुंब’ ने बढ़ाई यूपी की राजनीति में हलचल Photograph: (google)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश में विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान हो रहे 24 घंटे के ऐतिहासिक सत्र से पहले कुटुंब परिवार के बहाने ठाकुर विधायकों के जमावड़े ने नई राजनीतिक हलचल के संकेत दिए हैं। माना जा रहा है कि ठाकुर समाज ने इस कार्यक्रम के जरिये न सिर्फ अपनी ताकत दिखाई है बल्कि यूपी की राजनीति में अपने प्रभाव का संदेश भी दिया है। ऐसे समय में जबकि कई पिछड़े व अन्य जातियों के विधायकों ने अपनी उपेक्षा को लेकर मुखर होना शुरू किया है, क्षत्रिय विधायकों की इस बैठक के राजनीतिक निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं। 

कुटुंब परिवार के बैनर तले 40 विधायक

राजधानी लखनऊ के एक प्रमुख पांच सितारा होटल में करीब 40 ठाकुर विधायक और एमएलसी 
इस बैठक में शामिल हुए। जिसमें अधिकांश क्षत्रिय समाज के ही थे। योगी सरकार के कार्यकाल में यह पहला अवसर था जबकि ठाकुर विधायकों का इतना बड़ा जमावड़ा हुआ, हालांकि ठाकुरों के अलावा भी तीन-चार विधायक इस मौके पर दिखाई दिए। ऐसे समय में जबकि 2027 में यूपी का चुनाव होने वाला है, इस शक्ति प्रदर्शन के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक विभिन्न राजनैतिक परिप्रेक्ष्यों से इसकी गंभीरता को समझने में लगे हुए हैं, क्योंकि इसमें कोई दो राय नहीं कि उत्तर प्रदेश की राजनीतिक में ठाकुर समाज का दबदबा बढ़ा है।

विपक्ष के बागी विधायक भी शामिल

इस बैठक में विपक्ष के बागी ठाकुर विधायक भी शामिल हुए, जिससे यह साफ होता है कि ‘कुटुंब परिवार’ के रूप में हुए इस सामाजिक मिलन का परोक्ष इरादा अपना राजनीतिक ताकत को प्रदर्शित करना था। बीजेपी के एमएलसी जयपाल सिंह व्यस्त और मुरादाबाद के कुंदरकी से विधायक ठाकुर रामवीर सिंह इस पूरे कार्यक्रम के सूत्रधार रहे बैठक में शामिल सभी विधायकों को सम्मान स्वरूप भगवान राम की मूर्ति, महाराणा प्रताप की तस्वीर तथा पीतल का त्रिशूल उपहार स्वरूप दिया गया। बैठक को लेकर क्षत्रिय विधायक फिलहाल कुछ भी बोलने से बच रहे हैं और इसे सिर्फ औपचारिक मिलन की ही संज्ञा देते हैं। 

सियासत का नया मंच वाट्सएप ग्रुप

क्षत्रिय विधायकों ने ‘कुटुंब परिवार’ नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया है, जिसमें न केवल बीजेपी के बल्कि सपा और बसपा के ठाकुर विधायक भी शामिल हैं। इस डिजिटल मंच के जरिए सत्ता पक्ष और विपक्ष में कितना संवाद बढ़ेगा यह तो वक्त बताएगा लेकिन इतना तय है कि ठाकुर समाज अपने साझा हितों की रक्षा को लेकर गंभीर है और इसके लिए वह राजनीतिक बेड़ियां भी तोड़ने मेमं परहेज नहीं करने जा रहे। सत्ता पक्ष और विपक्ष करे सांसदों के बीच संवाद बढ़ा तो यूपी की राजनीति में नए मोड़ देखन  को मिल सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, यह ग्रुप राजनीतिक गठजोड़ की ओर एक अहम कदम माना जा रहा है।  यह बैठक बीजेपी विधायक जयपाल सिंह व्यस्त और ठाकुर रामवीर सिंह ने भले ही बुलाई हो, पर इसके पीछे सपा के बागी विधायक राकेश प्रताप सिंह और अभय सिंह की सक्रिय भूमिका बताई जा रही है। 

राजनीतिक समीकरणों में क्या हो रहा है बदलाव ?

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यूपी में ठाकुर समुदाय की राजनीतिक ताकत सभी जानते है लेकिन दलीय निष्ठा को लेकर इनमें प्रतिस्पर्धा भी देखने को मिलती रही है। यह बैठक ऐसे वक्त में हुई है, जब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के चयन और मंत्रिमंडल विस्तार जैसे महत्वपूर्ण फैसले आने वाले दिनों में लिए जाने हैं। बैठक के आयोजक ठाकुर रामवीर सिंह ने इसे एक पारिवारिक कार्यक्रम बताया है और कहा है कि यह सिर्फ पारिवारिक मिलन था लेकिन इसे लेकर राजनीतिक हलचल जरूर बढ़ गई है।

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