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लखनऊ/झांसी, वाईबीएन संवाददाता। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की कर्मभूमि झांसी अब पर्यटन के नक्शे पर और मजबूती से उभरने जा रहा है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने झांसी स्थित ध्यानचंद हिल पर 2.16 करोड़ की लागत से पर्यटन विकास कार्य शुरू कर दिया। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल मेजर ध्यानचंद की खेल- विरासत को सम्मान देना है, बल्कि झांसी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित करना है। इस संबंध में प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि, "झांसी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की शौर्यगाथा से जुड़ी रही है। अब मेजर ध्यानचंद जैसे महान खिलाड़ी की स्मृति में किए जा रहे कार्य इस धरती को खेल और संस्कृति दोनों में उत्कृष्टता का प्रतीक बनाएंगे।"
ध्यानचंद की स्मृति में सुविधाएं होंगी विकसित
विकास कार्यों के अंतर्गत पर्यटकों के लिए बैठने की सुविधा, पेयजल की व्यवस्था, छायादार स्थल, और अन्य पर्यटन-अनुकूल अवसंरचनाएं तैयार की जा रही हैं। यह स्थल भविष्य में हॉकी प्रेमियों और पर्यटकों के लिए एक प्रेरणादायी स्थल के रूप में उभरेगा।
सांस्कृतिक गौरव और प्रेरणा का केंद्र बनेगा झांसी
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, "यह परियोजना केवल भौतिक निर्माण नहीं है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और खेल विरासत को संरक्षित करने का माध्यम भी है। यह स्थान आने वाली पीढ़ियों को न केवल खेलों के प्रति प्रेरित करेगा, बल्कि झांसी को एक राष्ट्रीय गौरव केंद्र के रूप में भी स्थापित करेगा।"
मेजर ध्यानचंद: भारत के खेल इतिहास के स्वर्णिम अध्याय
जन्म: प्रयागराज (तत्कालीन इलाहाबाद)।
कर्मभूमि: झांसी, जहां उन्होंने अपने जीवन के अहम वर्ष बिताए।
उपलब्धियां: 1928, 1932 और 1936 ओलंपिक में भारत को स्वर्ण पदक दिलाए।
प्रसिद्धि: अद्वितीय गेंद नियंत्रण, असाधारण गोल स्कोरिंग क्षमता, 'हॉकी के जादूगर' की उपाधि।
सम्मान: 29 अगस्त को भारत में मनाया जाता है राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में।
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