लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। इटावा जिले के दान्दरपुर गांव में कथावाचक दलित युवकों के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार(yogi government) पर तीखा हमला बोला है। लखनऊ में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अब कथावाचन भी वर्चस्ववादी ताकतों के अधीन हो गया है? उन्होंने तंज कसते हुए कहा, 'क्या सरकार अब कथावाचन के लिए भी कोई एकाधिकार कानून लाने जा रही है?'
पहले घर, मंदिर धुलवाते थे, अब मुडन करवा देते हैं
अखिलेश यादव(akhilesh yadav) ने तंज कसते हुए कहा, 'पहले लोग अपने घर और मंदिर धुलवाते थे, अब लोगों का सरेआम मुंडन कराया जा रहा है। यह सिर्फ अपमान नहीं बल्कि संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।' उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 9 वर्षों से कुछ चुनिंदा 2500 लोग ही सरकार चला रहे हैं और वही लोग पूरे सिस्टम से खेल कर रहे हैं।
जाति पूछकर अपमानित किया गया
सपा अध्यक्ष ने इटावा के बकेवर क्षेत्र के दान्दरपुर गांव में हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वहां कथा वाचन कर रहे कथावाचक और उनके सहयोगियों की जाति पूछकर उन्हें न केवल अपमानित किया गया, बल्कि उनका जबरन मुंडन करवा दिया गया, नाक रगड़वाई गई और कथित तौर पर इलाके की 'शुद्धि' करवाई गई। अखिलेश यादव ने इस घटना को संविधान और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया और मांग की कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि यदि तीन दिनों के भीतर दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो समाजवादी पार्टी 'पीडीए के सम्मान' को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन करेगी।
समानता और सम्मान की लड़ाई जारी रहेगी
अखिलेश यादव ने दोहराया कि पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) वर्ग को न्याय से वंचित किया जा रहा है और भाजपा सरकार वर्चस्ववादी ताकतों को संरक्षण दे रही है। उन्होंने कहा कि समाज में समानता और सम्मान की लड़ाई जारी रहेगी। अगर कोई सच्चा भक्त भागवत कथा कहना चाहता है तो उसे भी रोका जा रहा है।
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