लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। प्रयागराज के प्रसिद्ध श्री मनकामेश्वर मंदिर में सावन महीने से पूजा व रुद्राभिषेक करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए नए ड्रेस कोड को अनिवार्य करने की खबरें मीडिया में मंगलवार को छाई रहीं। प्रयागराज से लेकर लखनऊ तक श्रद्धालुओं में इसे लेकर दिनभर कौतुहल बना रहा। खबरों में बताया गया कि मंदिर परिसर में धार्मिक आस्था और परंपरा के पालन के लिए नए ड्रेस कोड को लागू किया गया है। मंदिर में रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। ऐसे में ड्रेस कोड लागू करने का मकसद है कि मंदिर परिसर में अनुशासन, श्रद्धा व पवित्रता का वातावरण निर्मित हो।
ड्रेस कोड पर क्या कहा मंदिर के पुजारी ने
प्रयागराज के मनकामेश्वर मंदिर में पुजारी श्रीधरानंद महाराज ने कहा, 'हाल के दिनों में देखा गया है कि कई श्रद्धालुओं की पूजा-अर्चना की रीति-रिवाज लगातार बदल रहे हैं। श्रद्धालुओं के लिए एक प्रतिबंध लगाया गया है कि सावन के दौरान रुद्राभिषेक करने वाले पुरुषों को धोती और महिलाओं को साड़ी पहननी होगी। सावन के दौरान इसे सख्ती से लागू किया जाएगा और आगे भी जारी रखा जाएगा। मंदिर परिसर में अनुचित कपड़ों पर पहले से ही प्रतिबंध है। पुरुषों को शर्ट और फुल पैंट पहनना होगा जबकि महिलाओं को सूट और साड़ी पहननी होगी।
महंत देव्या गिरी बोलीं, ड्रेस कोड तो 2019-20 से ही लागू
वहीं, जब इस नए ड्रेस कोड के बारे में लखनऊ स्थित श्री मनकामेश्वर महादेव मंदिर की महंत देव्या गिरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कोई नया ड्रेस कोड लागू नहीं किया है। मंदिर में ड्रेस कोड साल 2019-20 से ही लागू है। हमारे सिवा अभी तक कोई नया ड्रेस कोड लागू नहीं कर पाया है। ड्रेस कोड के बारे में श्रद्धालुओं को भी जानकारी है। उसी का पालन होता आया है।
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