लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
राजधानी के थाना गुडम्बा पुलिस ने वाहन चोरी और फर्जी नंबर प्लेट के जरिए वाहनों की अवैध बिक्री करने वाले एक शातिर गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस अभियान में पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से एक मोटरसाइकिल और एक स्कूटी बरामद की है। गिरोह चोरी किए गए वाहनों पर नकली नंबर प्लेट लगाकर उन्हें बेचने का काम करता था। पुलिस उपायुक्त, उत्तरी के निर्देश पर इस विशेष कार्रवाई को अंजाम दिया गया, जिससे हाल ही में बढ़ रही वाहन चोरी की घटनाओं पर बड़ी चोट है।
घटना का खुलासा ऐसे हुआ
17 अप्रैल 2025 को वादी मोहम्मद आरिफ निवासी बगिया, निकट स्पोर्ट्स कॉलेज, थाना गुडम्बा ने एफआईआर दर्ज कराई कि जब उनके पिता बाजार किसी निजी कार्य से गए थे, तो उनकी बाइक चोरी हो गई। इस पर थाना गुडम्बा में मुकदमा अपराध संख्या 141/25 धारा 303(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया। वाहन चोरी की लगातार हो रही वारदातों को देखते हुए पुलिस उपायुक्त (उत्तरी) के निर्देश पर थाना गुडम्बा पर एक विशेष पुलिस टीम गठित की गई।
कुकरैल के बाद एक बंद मकान से करने जा रहे थे चोरी
17 और 18 अप्रैल की रात को जब पुलिस टीम गश्त पर थी, तभी एक खास मुखबिर से सूचना मिली कि कुछ संदिग्ध व्यक्ति पंचायतपुरवा गांव में कुकरैल जंगल के किनारे स्थित एक बंद मकान में चोरी के वाहनों के साथ मौजूद हैं। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और संदिग्ध मकान के बाहर खड़े दो वाहनों को देखा। इसके बाद टीम ने मकान के भीतर दबिश दी। इस दौरान दो व्यक्ति अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गए, जबकि पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान
प्रभारी निरीक्षक प्रभातेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों के नाम राम आसरे वर्मा, आदित्य कनौजिया उर्फ आजाद उर्फ भोले पुत्र राजेश कनौजिया, आयुष यादव पुत्र रामसिंह यादव, शिव कनौजिया पुत्र संदीप कनौजिया, समर कनौजिया उर्फ विशाल पुत्र आजाद उर्फ कल्लू कनौजिया है।
पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे
जब पुलिस ने बाहर खड़े वाहनों के कागजात मांगे, तो कोई वैध दस्तावेज नहीं दिखा सके। शक होने पर जब ई-चालान ऐप से नंबर प्लेटों की जांच की गई, तो पता चला कि दोनों वाहनों पर फर्जी नंबर प्लेट लगी हुई थी। कड़ाई से पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे लोग वाहन चोरी कर उन्हें एकांत मकान में छिपाकर रखते थे। फिर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर वाहनों को बेच देते थे। पूछताछ में यह भी पता चला कि वे चोरी किए गए वाहनों को आज बेचने की फिराक में थे।
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इनके अपराध का तरीका और मकसद
गिरोह भीड़-भाड़ वाली जगहों और सुनसान इलाकों में खड़ी दोपहिया वाहनों को निशाना बनाता था। वे वाहन चोरी कर, बंद पड़े मकानों में उन्हें छिपाते थे और फिर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर कम कीमत पर बेचते थे। इस तरह ये लोग आर्थिक लाभ कमाने के लिए पूरी योजना बनाकर संगठित ढंग से अपराध कर रहे थे।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की यह रणनीति
पुलिस ने बरामद वाहन सीज कर दिए हैं और फरार आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। थाना गुडम्बा पुलिस ने बताया कि यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और कई चोरी की घटनाओं में शामिल रहा है। गिरफ्तार आरोपियों से आगे की पूछताछ की जा रही है और इनके नेटवर्क को लेकर अन्य जगहों पर भी छानबीन की जा रही है। इस पूरे आॅपरेशन में थाना गुडम्बा पुलिस की सक्रियता और सतर्कता से यह सफलता मिली है, जिससे न सिर्फ एक बड़ा गिरोह पकड़ा गया है, बल्कि शहर में हो रही वाहन चोरी की घटनाओं पर भी अंकुश लग सकेगा।