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प्रदीप गौतम की हत्या का खुलासा करते एडीसीपी उत्तरी।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी के बख्शी का तालाब थाना क्षेत्र में युवक की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। क्राइम ब्रांच, सर्विलांस टीम (डीसीपी उत्तरी) और बीकेटी थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने मृतक की पत्नी और उसके प्रेमी को गिरफ्तार किया है।
प्रदीप गौतम की 25 अक्टूबर को गोली मारकर कर दी गई थी हत्या
एडीसीपी उत्तरी ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि 25 अक्टूबर को मामपुर बाना निवासी प्रदीप गौतम (25 वर्ष) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में प्रदीप की पत्नी चांदनी गौतम ने अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच में पता चला कि चांदनी का बच्चा लाल (22 वर्ष) नाम के युवक से प्रेम संबंध था।
लखनऊ में पति की प्रेमी से हत्या करवाने वाली महिला को लेकर जाती बीकेटी पुलिस। pic.twitter.com/ka2mKpL0a5
— shishir patel (@shishir16958231) October 28, 2025
प्रेमी बच्चा लाल ने पहले पिलाई शराब फिर मारी गोली
पति के शराब पीने और मारपीट की आदत से परेशान होकर दोनों ने मिलकर हत्या की साजिश रची। 25 अक्टूबर की रात चांदनी ने अपने पति की लोकेशन प्रेमी को बताई। बच्चा लाल ने प्रदीप को शराब पिलाकर रिंग रोड किनारे गोली मार दी और उसकी मोटरसाइकिल लेकर फरार हो गया।
लखनऊ के बीकेटी क्षेत्र में पुलिस ने युवक प्रदीप गौतम की हत्या का खुलासा कर उसकी पत्नी चांदनी गौतम और उसके प्रेमी बच्चा लाल को गिरफ्तार किया है। खुलासा करतीं पुलिस। pic.twitter.com/Pw64z1pCVO
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मृतक की मोटरसाइकिल और मोबाइल भी फोन बरामद
संयुक्त पुलिस टीम ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से 28 अक्टूबर को बच्चा लाल को मामपुर श्मशान घाट के पास से गिरफ्तार किया। उसके पास से 315 बोर का तमंचा, जिंदा कारतूस, मृतक की मोटरसाइकिल और मोबाइल फोन बरामद हुए।इसके बाद चांदनी गौतम को भी उसके घर से गिरफ्तार किया गया।
मुकदमा दर्ज कराने वाली पत्नी ही निकली पति की कातिल
25 अक्टूबर को बीकेटी क्षेत्र स्थित मामपुर बाना गांव निवासी संविदाकर्मी प्रदीप गौतम की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस मामले की छानबीन कर रही थी कि इसी घड़ियाली आंसू बहाते हुए चांदनी गौतम उर्फ ज्योति भी मौके पर पहुंची और चीख-पुकार शुरू की, लेकिन उसकी बनाई गई रणनीति पर मानो पुलिस को पहले ही दिन संदेह हो गया था कि इस घड़ियाली आंसू में कहीं न कहीं छेद जरुर है। पुलिस इस मामले में 36 घंटों तक गहनता से छानबीन शुरू की और जांच-पड़ताल में सामने आया है कि इस हत्याकांड को किसी पेशेवर अपराधी नहीं बल्कि किसी करीबी का हाथ है। सुबूत हाथ लगते ही पुलिस हरकत में आई और इस सनसनीखेज मामले का खुलासा कर किसी निर्दोष को जेल जाने से बचा लिया।
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