Mahakumbh 2025: माघी पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से हो रही पुष्पवर्षा, हरिद्वार में भी हर हर गंगे
संगम तट पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा ने इस माहौल को और भव्य व दिव्य बना दिया है। उधर हरिद्वार में भी हर की पौड़ी पर पूजा अर्चना चल रही है और श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।
माघी पूर्णिमा के पावन अवसर पर संगम घाट पर स्नान कर रहे श्रद्धालुओं और तपस्वियों पर प्रशासन के द्वारा हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जा रही है। संगम तट पर उत्साह और उमंग का माहौल है। श्रद्धालु इस मौके पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं और पूजा अर्चना कर रहे हैं। हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा ने इस माहौल को और भव्य व दिव्य बना दिया है।
#WATCH उत्तर प्रदेश: प्रयागराज में चल रहे #MahaKumbh2025 के दौरान 'माघी पूर्णिमा' के अवसर पर पावन डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं और तपस्वियों पर 'पुष्प वर्षा' की जा रही है। pic.twitter.com/SYKBxA2XzO
माघी पूर्णिमा के पावन अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोक आस्था का अभिनंदन और देश वासियों के लिए मंगलकामनाएं कर रहे हैं। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि “यह लोक-आस्था का अभिनंदन है सनातन की शाश्वत चेतना का वंदन है भारत की एकता व समता का सम्मान है जय माँ गंगे!”
उधर, हरिद्वार में हर की पौड़ी पर भी पूजा अर्चना चल रही है। लाखों की संख्या में हर की पौड़ी पहुंचे श्रद्धालु पवित्र स्नान कर रहे हैं, हर हर गंगे के जयकारों से पूरा हरिद्वार गुंजायमान है। माघी पूर्णिमा के अवसर पर हर की पौड़ी का नजारा बहुत ही दिव्य और भव्य नजर आ रहा है।
माघी पूर्णिमा के अवसर पर पूरे देश में आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। जगह - जगह लोग पवित्र नदियों पर स्नान कर रहे हैं, आज के दिन हर कोई पवित्र स्नान के लिए उत्साहित है, खासकर गंगा मैया पर बड़े स्नान पर्व चल रहे हैं। श्रद्धालू इस मौके पर पवित्र स्नान के साथ ही तिल और चावल दान कर पुण्य प्राप्त करने में लगे हैं।
प्रयागराज महाकुंभ में इस अवसर पर सबसे मुख्य आयोजन चल रहा है। श्रद्धालु बड़ी संख्या में स्नान पर्व में शामिल हो रहे हैं। बता दें कि माघी पूर्णिमा पर स्नान और दान से पितृ दोष दूर होते हैं। प्रशासन की बेहतर व्यवस्था के चलते सभी मुख्य स्थानों पर आवागमन सुचारू है। एसएसपी राजेश दिवेदी ने बताया कि बसंत पंचमी पर किए गए इंतजाम से बेहतर इंतजाम माघी पूर्णिमा पर किए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने पर भी उन्हें परेशानी का सामना न करना पड़े।