महाकुंभ नगर, वाईबीएन नेटवर्क।
महाकुंभ में मौनी अमावस्या के मौके पर मची भगदड़ को लेकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी का बड़ा बयान सामने आया है। यह बयान आने वाले दिनों में सियासी गलियारों में भूचाल ला सकता है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ का आयोजन बहुत ही भव्य और मनोहारी था। हमने पूरी दुनिया को न्यौता दिया था, आओ महाकुंभ चलें। इस न्यौते का असर भी खूब हुआ देश ही नहीं विदेशों से भी भारी संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ पहुंचे, सब कुछ अच्छा चल रहा था कि वामपंथी मानसिकता वाले कुछ लोगों ने दुष्प्रचार किया और और सनातन विरोधियों की नजर महाकुंभ को लग गई।
बोले- सनातन विरोधी नेताओं की भी जांच
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा है कि मौनी अमावस्या पर हुई घटना के पीछे कोई बड़ी साजिश हो सकती है। इसका खुलासा करने के लिए सनातन विरोधी नेताओं की भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया है कि वामपंथी मानसिकता वाले कुछ यूटयूबर्स ने भी हमारे संतों की छवि धूमिल करने का प्रयाास किया। उन्होंने गलत और तथ्यहीन सूचना फैलाई और भव्य महाकुंभ के आयोजन को नजर लग गई।
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न्यायिक आयोग कर रहा है मामले की जांच
बता दें कि मौनी अमावस्या पर भगदड़ मचने से हुए हादसे की जांच करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। न्यायिक ने शुक्रवार को महाकुंभ पहुंचकर अपनी जांच शुरू भी कर दी है, जल्द ही जांच आयोग अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा। माना जा रहा है कि हादसे में यदि कोई साजिश उजागर हुई तो योगी सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।
30 श्रद्धालुओं की हुई थी मौत
बता दें कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के मौके पर महाकुंभ में भगदड़ के दौरान 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जबकि 60 घायल हुए थे। गुरूवार को महाकुंभ पहुंचकर सूबे के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार ने मौके का मुआयना किया था, दोनों अधिकारियों ने अस्पताल में भर्ती घायलों को हाल जानने के बाद यह भी बताया था कि घायलों में सभी की स्थिति खतरे के बाहर है। मृतक आश्रित परिवारों को उत्तर प्रदेश सरकार ने 25 -25 लाख रुपये सहायता राशि देने का ऐलान किया है।