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Mahakumbh 2025: महाकुंभ से लौट रहे श्रद्धालुओं के लिए सबने खोले द्वार, बोले यही तो है गंगा- जुमनी तहजीब

एक ओर जहां महाकुंभ से भंडारे में बनते खाने में दरोगा का मिट्टी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है तो गंगा जमुनी तहजीब की ताकत बयां करते वीडियो भी वायरल हो रहे हैं।

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Dhiraj Dhillon
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महाकुंभ नगर, वाईबीएन नेटवर्क।

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एक ओर जहां महाकुंभ से भंडारे में बनते खाने में दरोगा का मिट्टी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है तो वहीं दूसरी ओर ऐसे भी वीडियो वायरल हो रहे हैं तो परेशानी में गंगा जमुनी तहजीब की ताकत बयां कर रहे हैं। मुस्लिम इलाकों में भी महाकुंभ से लौट रहे श्रद्धालुओं के लिए सेवा लंगर चलाए जा रहे हैं, लोगों ने श्रद्धालुओं के लिए अपने घर खोल दिए हैं ताकि वे दो पहल ठहरकर अपनी मंजिल की ओर आगे चल सकें। स्‍थानीय लोग श्रद्धालुओं के खाना और बिस्‍तर, सब कुछ उपलब्‍ध करा रहे हैं।

रेलवे स्‍टेशन की ओर बढ रहे श्रद्धालु 

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जीटी रोड पर पैदल श्रद्धालुओं का कारवां रेलवे स्‍टेशन की ओर बढ रहा है। महिलाएं और पुरुष कंधे पर अपना बैग लिए मंजिल तक पहुंचने की जद्दोजहद में जुटे हैं। चाहें भी तो सड़क पर दो पल नहीं बैठ सकते, क्‍योंकि श्रद्धालुओं का कारवां लगातार बढ रहा है, ठहरे तो पीछे वालों को रास्‍ता कैसे मिलेगा, यहीं सोचकर बस बढते जा रहे हैं। ऐसे में कोई अपने घर में आसरा दे दे तो इस बड़ी मदद और हो नहीं सकती और लोग ऐसा कर रहे हैं।  

मुस्लिम आबादी ने खोल दिए अपने घर

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जीटी रोड के किनारे आफताब अहमद का भी घर है। वो बताते हैं आसपास मुस्लिम आबादी है, इस मुश्किल वक्‍त में सबने श्रद्धालुओं के लिए अपने घर खोल दिए हैं। महिलाओं को सबसे ज्‍यादा परेशान टॉयलेट की हो रही है। क्‍योंकि इतनी संख्‍या में श्रद्धालुओं के आने से पब्लिक टॉयलेट छोटे पड़ गए हैं, ऐसे में स्‍थानीय लोगों ने अपने घर खोल दिए हैं, बाथरूम खोल दिए हैं, सभी धर्मों के लोग जगह- जगह भंडारों का आयोजन कर रहे हैं। यही भारतीयता है और यही गंगा जमुनी तहजीब है।

हर बार करते हैं भंडारा 

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सईद अहमद बताते हैं कि हमने कल से भंडारा शुरू किया है और हम लोग वर्षों से ऐसे मौकों पर भंडारे का आयोजन करते आ रहे हैं। वो बताते हैं कि बृहस्‍पतिवार को सुुुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक भंडारा चलाया। गलियों में लोगों के लिए अपने घर खोल दिए। लोगों कंबल और बिस्‍तर जो बन पड़ा उपलब्‍ध कराया, हम आगे भी जो संभव होगा, हर मदद करेंगे।

श्रद्धालुओं ने क्‍या कहा

एक श्रद्धालु पूजा केसरवानी बताती हैं कि यहां धर्म की कोई दीवार नहीं है, सब लोग मिलकर श्रद्धालुओं की सेवा कर रहे हैं, उन्‍हें अपने घरों में जगह भी दे रहे हैं। बीना से महाकुंभ पहुंची सोनम भी स्‍थानीय लोगों के सेवा सत्‍कार की भूरि- भूरि प्रशंसा करती हैं, वो कहती हैं कि हम 12 लोग साथ में आए हैं, सभी को पूरी रात आराम करने की जगह दी और खाना पानी सब कुछ। प्रयागराज के लोगों में सेवा सत्‍कार की भावना है।   

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