Advertisment

Mahakumbh 2025: शंकराचार्य का योगी पर कटाक्ष, बोले- वीआईपी को भी मल युक्त जल में नहला दिया'

शंकराचार्य ने कहा कि जो जरूरी काम थे वही नहीं किए, वीआईपी को भी मल युक्त जल में नहला दिया। एनजीटी ने सचेत किया था कि गंगा और यमुना की धाराएं स्नान लायक नहीं हैं।

author-image
Dhiraj Dhillon
एडिट
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद Photograph: (Google)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मह‌ाकुंभ नगर, वाईबीएन नेटवर्क।

Advertisment

संगम तट पर जल की गुणवत्ता को लेकर सामने आई केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट पर नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। इस मामले में एक और जहां विप‌क्षी सरकार पर निशान साध रहे हैं, वहीं शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने इस मामले में योगी सरकार को घेरा। शंकराचार्य ने कहा कि सरकार ने जो जरूरी काम थे वही नहीं किए और वीआईपी को भी मल युक्त जल में नहला दिया। महाकुंभ से पहले दिए गए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा- निर्देश नहीं माने, कोई काम नहीं किया।

'प्रयागराज महाकुंभ में कई स्थानों पर जल स्नान करने योग्य नहीं', CPCB की डरावनी रिपोर्ट

जानिए क्या है पूरा मामला

Advertisment

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को सीपीसीबी द्वारा सौंपी रिपोर्ट गई रिपोर्ट में बताया गया है कि 9 से 21 जनवरी के बीच प्रयागराज में गंगा तट से कुल 73 अलग-अलग स्थानों से लिए गए सैंपलों में पानी को नहाने योग्य भी नहीं पाए गए। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि उन्होंने इस मामले को उठाया था लेकिन सरकार और प्रशासन को इस बात से कोई मतलब ही नहीं है। शंकराचार्य ने कहा कि एनजीटी ने महाकुंभ शुरू होने के पहले ही सचेत किया था कि गंगा और यमुना की धाराएं स्नान लायक नहीं हैं।

दिल्ली में यमुना के डूब क्षेत्र में अतिक्रमण से NGT नाराज, कहा- निर्देशों का उल्लंघन

एनजीटी के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया

Advertisment

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि एनजीटी ने सरकार को न केवल पानी गुणवत्ता को लेकर सचेत किया था बल्कि कुछ दिशा- निर्देश भी जारी किए थे। सरकार को पानी की गुणवत्ता सुधारने के लिए कुछ काम बताए गए थे। एनजीटी ने कहा था कि प्रयागराज से मल-जल के कुछ नाले उन धाराओं में मिल रहे थे, उन्हें तत्काल रोका जाए तो श्रद्धालुओं को नहाने के शुद्ध जल मिल सके, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया।

Mahakumbh stampede: इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई आज

अधिकारियों से पानी की रिपोर्ट मांगी थी

Advertisment

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा- हमने मेला अधिकारियों से मांग की थी कि रोज महाकुंभ के तटों से सैंपल लेकर गुणवत्ता की जांच और उस जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक भी किया जाए, लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया। शासन प्रशासन ने महाकुंभ में बहुत सारी व्यवस्थाएं कीं लेकिन जो मूल व्यवस्था करनी थी, वही नहीं ह‌ुई। नहाने योग्य पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया।

Mahakumbh 2025 : मेला अवधि बढ़ाने की खबरों का डीएम प्रयागराज ने किया खंडन, बोले-अफवाहों पर ना दें ध्यान

शंकराचार्य बोले गंगा मैया की पवित्रता में कोई शक नहीं

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, गंगा मैया की पवित्रता में तो कोई शक वाली बात नहीं है लेकिन गंगा मैया का भौतिक स्वरूप अगर मलयुक्त है तो यह सरकार का दोष है। शंकराचार्य ने कहा कि अर्द्धकुंभ के दौरान भी गंगा में नाले डाले जाने का मामला उठा था और सरकार ने कहा था कि कोई नाला नहीं गिरने दिया जाएगा, पर हुआ कुछ नहीं। करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था और भावना के साथ खिलवाड़ तो हुआ ही, स्वास्थ्य को लेकर भी सरकार गंभीर नहीं है। 

 

Advertisment
Advertisment