श्रद्धालुओं के सैलाब को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने व्यवस्था बनाने के लिए पूरी ताकत लगा दी है। अपार जनसमूह के लिए आपात स्थिति में मेडिकल अरेंजमेंट्स की भी बड़ी व्यवस्था की गई है। एक तरह से कहा जाए तो महाकुंभ नगर पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। सुरक्षा से लेकर स्वास्थ्य और सफर, सभी व्यवस्थाएं एकदम अव्वल दर्जे की हुई हैं। महाकुंभ नंगर में 1200 और स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल (एसआरएन) में 500 लोगों की मेडिकल फोर्स राउंड द क्लॉक अलर्ट मोड पर रहेगी। एसआरएन में में दो सौ यूनिट का ब्लड बैंक बनाया गया है और 150 बेड रिजर्व रखे गए हैं, इसके अलावा महाकुंभनगर 360 बेड की क्षमता वाले 23 अस्पताल बनाए गए हैं। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश, महाकुम्भनगर के साथ ही प्रयागराज शहर व मंडल के सभी डॉक्टर अलर्ट मोड पर रहेंगे।
एसआरएन और बेली अस्पताल पूरी तरह अलर्ट
स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय के अलावा तेज बहादुर सप्रू अस्पताल (बेली अस्पताल) में भी पूरी तैयारी रखी गई है। एसआरएन में भर्ती पहले के अधिकतर घायल यहां से स्वस्थ होकर घर चले गए हैं, लेकिन फिर भी 60 रेजिडेंट डॉक्टरों की टीम और 50 एंबुलेंस 24 घंटे अलर्ट मोड पर रखी गई हैं। महाकुंभ के लिए 30 सीटी स्कैन मशीनें तैयार हैं। एमआरआई और अल्ट्रासाउंड समेत सभी जांचों की सुविधा राउंड द क्लॉक उपलब्ध रहेगी। आपात स्थिति में पलक झपकते ही श्रद्धालुओं की सेवा के लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टर भी उपलब्ध हो जाएंगे।
मेले में ही तैनात रहेगी पूरी मेडिकल फोर्स
बसंत पंचमी के चलते 6 फरवरी तक श्रद्धालुओं की संख्या अधिक रहने की उम्मीद है, यह सभी मेडिकल अरेंजमेंट 6 फरवरी तक इसी स्तर पर बने रहेंगे, आगे की व्यवस्था श्रद्धालुओं की संख्या के हिसाब तय होगी। इसके साथ ही जरूरत के हिसाब से बैकअप भी तैयार रखा गया है। सुविधाओं को अलार्म सिस्टम से जोड़स गया। मेला क्षेत्र में बने सेक्टर अस्पतालों में दवा के स्टॉक और मशीनें चेक की गई हैं, डॉक्टरों की चार सदस्यीय स्पेशल टीम ने मेले में एक-एक अस्पताल की जांच की है।
सीएम योगी के स्वास्थ्य व्यवस्था के कड़े निर्देश
महाकुम्भ पर बसंत पंचमी के अमृत स्नान को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा से कोई समझौता नहीं होगा। 1200 से अधिक मेडिकल फोर्स महाकुम्भनगर में ही पूरी तरह से तैयार है और श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर है। इसके अलावा स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय और तेज बहादुर सप्रू अस्पताल प्रशासन को भी पूरी सजग रहने के निर्देश दिए गए हैं। सीएम योगी के स्पष्ट निर्देश हैं कि 5 फरवरी तक कोई भी डॉक्टर या मेडिकल स्टाफ अपने ड्यूटी स्थल से नहीं हिलेगा।
मेडिकल सुविधाओं पर नजर रखेगी चार सदस्यीय टीम
डॉक्टरों की चार सदस्यीय टीम, जिसमें चिकित्सा व्यवस्था के नोडल डा. उमाकांत सान्याल, केंद्रीय चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनोज कौशिक, सह नोडल चिकित्सा व्यवस्था डॉ. राम सिंह और महाकुम्भ मेला के नोडल (चिकित्सा स्थापना) डॉ. गौरव दुबे शामिल हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य सीएम योगी की प्राथमिकता में है। व्यापक स्वास्थ्य इंतजाम और पर्याप्त मेडिकल फोर्स श्रद्धालुओं की हिफाजत के लिए पूरी तरह तैयार है।
100 बेड का अत्याधुनिक सेंट्रल हॉस्पिटल
100 बेड का एक अत्याधुनिक सेंट्रल हॉस्पिटल बनाया गया है। इसके साथ ही 25 बेड के दो सब-सेंट्रल हॉस्पिटल, 20 बेड के आठ सेक्टर हॉस्पिटल और 20 बेड के ही दो संक्रामक रोग हॉस्पिटल भी शामिल हैं। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के पीआरओ डॉ. संतोष सिंह ने बताया कि हम पूरी तरह से बसंत पंचमी के अमृत स्नान के लिए तैयार हैं। सभी अस्पतालों में स्टाफ के आराम करने और खाने की व्यवस्था की गई है ताकि पूरे स्टाफ की हर समय उपलब्ध बनी रहे।