भारतीय रेलवे अभी तक महाकुंभ के लिए 15000 से अधिक महाकुंभ स्पेशल ट्रेन चला चुका है। इसमें नॉर्थ सेंट्रल रेलवे की 4000 और 6000 ट्रेन नॉदर्न रेलवे, नॉर्थ ईस्ट रेलवे ने मिलकर चलाई हैं। महाशिवरात्रि के लिए रेलवे ने मौनी अमावस्या के लेबल पर तैयारी की है। तैयारी के तीन आधार बनाए गए हैं। पहला आधार कैपेसिटी, दूसरा आधार यात्रियों को मिलने वाली सुविधाएं और तीसरा आधार स्पेशल ट्रेनों का संचालन है। इन तीन आधार पर बृहद स्तर पर तैयारियां की गई हैं।
“शिवरात्रि हमारी आखिरी परीक्षा”
प्रयागराज मंडल के सीनियर डीसीएम हिमांशु शुक्ला ने बताया कि अब शिवरात्रि में बड़ी संख्या में लोग महाकुंभ स्नान के लिए पहुंचेंगे। सही मायने में यह हमारी आखिरी परीक्षा है और उसी हिसाब से हमने इसकी तैयारी भी की है। स्थानीय प्रशासन से पूरे तालमेल के साथ रेलवे व्यवस्थाएं बनाने में लगा है। रेलवे प्रशासन का इस बात पर विशेष फोकस है कि श्रद्धालुओं की सूचना सुलभ हो। इसके लिए जगह - जगह टोल फ्री नंबरों का भी डिस्पले किया गया है। पुलिसकर्मी भी श्रद्धालुओं को जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं, पूछताछ केंद्र भी अपना काम कर रहे हैं।
एनडीआरएफ की एक स्पेशल टीम तैनात
भीड़ नियंत्रण, या फिर आपदा की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ की एक स्पेशल टीम प्रयागराज जंक्शन पर तैनात की गई है। इतना ही नहीं प्रयागराज जंक्शन से त्रिवेणी संगम तक पूरे मार्ग को 1450 सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया है और कंट्रोल रूम से पूरे मार्ग पर राउंद द क्लॉक निगरानी की जा रही है ताकि कभी भी यदि भीड़ बढ़ती है या डायवर्जन की जरूरत पड़ती है तो उस पर अमल किया जा सके।
सीनियर डीसीएम हिमांशु शुक्ला ने दी जानकारी
प्रयागराज मंडल के सीनियर डीसीएम हिमांशु शुक्ला ने बताया कि महाकुंभ आने वाले अधिकतर श्रद्धालु पवित्र त्रिवेणी संगम में स्नान के बाद अयोध्या और बनारस जा रहे हैं। उन्हें इन स्थानों पर जाने के लिए कहां से ट्रेन मिलेगी। कौन से कोच में उन्हें सवार होना चाहिए, इन सब बातों की जानकारी श्रद्धालुओं तक पहुंचाने के लिए रेलवे ने एक पैंफलेट तैयार किया है। इस पैंफलेट पर टॉल फ्री नंबर, हेल्पलाइन नंबर और कब क्या करना है जैसी जानकारी भी दी गई है।