महाकुंभनगर, संदीप तिवारी।
आस्था के महाआयोजन महाकुम्भ मे तरह तरह के रंग देखने को मिल रहे हैं। कहीं हठ योगी तो कहीं नागाओं का स्वरूप तो कहीं विदेशी संत। इसी में रूस का एक परिवार भी महाकुम्भ देखने आया है। ये लोग पायलट बाबा के शिविर मे रुके हैं। इनके साथ जो छोटा बच्चा है, वह अपनी भाषा के साथ ही हिंदी में भी बात करता है। रोचक यह है कि बच्चे का नाम भी राम है।
पायलट बाबा के आश्रम में है बालक
कुम्भ मेला हमेशा से ही विदेशियों के आकर्षण का केंद्र रहा है। इस वक़्त पायलट बाबा के शिविर में करीब दो दर्जन विदेशी रुके हैं। वे हर रोज़ पूजा-पाठ और भजन में हिस्सा ले रहे हैं। विदेश के लोग सनातन अध्यात्म से इतना प्रभावित हैं कि उन्हें सारे मंत्र और श्लोक भी याद हैं। राम नाम का यह बच्चा जब मंत्र और श्लोकों को लयबद्ध रूप से गाता है तो यह विश्वास कर पाना मुश्किल होता है कि वह भारतीय नहीं है। भक्ति के रस में डूबे इस बालक को देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो रही है।
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सनातन में ही शांति
जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी शैलेषा नन्द बताते हैं कि पायलट बाबा के सान्निध्य में हज़ारों विदेशी दीक्षा ले चुके हैं। शैलेषा नन्द जी का कहना है कि सनातन में ही शांति है जो सबको प्रभावित कर रहा है।
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महाकुंभ से प्रभावित विदेशी
अपने आप में अनूठा यह आस्था का समागम और संगम न जाने कितने लोगों को सनातन, सनातनियों और सनातन धर्म के महत्व से जोड़ता है। विशेष रूप से विदेशियों के लिए यह हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रहा है। कुंभ में आस्था और श्रद्धा के समागम की छटा कुछ ऐसी है कि विदेशी भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाते।
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