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आयुष विभाग: शर्तें ऐसी टेंडर डालने से कतरा रहे लोग

मुरादाबाद जिले के सरकारी अस्पतालों में आयुर्वेदिक, युनानी एवं होम्योपैथी की दवाएं (आयुष दवाएं) पिछले तीन वर्षों से मरीजों को नहीं मिली हैं। मरीजों को उम्मीद थी, क्या पता यूपी मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन से दवाएं आयें।

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Anupam Singh
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जिला अस्पताल मुरादाबाद।

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मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।

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मुरादाबाद जिले के सरकारी अस्पतालों में आयुर्वेदिक, युनानी एवं होम्योपैथी की दवाएं (आयुष दवाएं) पिछले तीन वर्षों से मरीजों को नहीं मिली हैं। मरीजों को उम्मीद थी, क्या पता यूपी मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन से दवाएं आयें। मगर वहां से निराशा हाथ लगी और यहां से जो टेंडर निकाले जा रहे हैं। उसकी शर्तें ऐसी हैं, हर कोई उस मानक में नहीं आ रहा है। यहां जिले के सरकारी अस्पतालों में आयुर्वेदिक, यूनानी व होम्योपैथी इलाज कराने के लिए काफी संख्या में मरीज पहुंचते हैं। मगर उन्हें दवा नहीं मिलती है। पिछले तीन साल के बाद दवाओं की उपलब्धता कराने को लेकर शुरू हुई। इस प्रक्रिया में दवा खरीद के लिए सिर्फ एक ही एजेंसी द्वारा अपना टेंडर दिए जाने के चलते खरीद को रोक दिया गया। पिछले वित्तीय वर्ष में दवाओं की उपलब्धता कराने को लेकर कवायद शुरू की गई।

साढ़े बारह लाख का है बजट

एनएचएम के अंतर्गत जिले को साढ़े बारह लाख रुपये का बजट आयुष दवाएं उपलब्ध कराने के लिए जारी किया गया। लंबे समय तक दवाओं को खरीदकर लखनऊ स्थित कार्पोरेशन की तरफ आपूर्ति किए जाने के कयास बने रहे। कुछ हफ्ते पहले दवाएं स्थानीय स्तर पर खरीदे जाने के लिए टेंडरिंग की प्रक्रिया शुरू हुई। सीएमएसडी के प्रभारी चीफ फार्मासिस्ट संदीप बडोला ने बताया कि दवा खरीद के लिए सिर्फ एक ही एजेंसी का टेंडर आया, जबकि नियमानुसार तीन टेंडर आने जरूरी हैं। अब जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनी कमेटी की ओर से टेंडरिंग की प्रक्रिया फिर नए सिरे से शुरू की जाएगी। उसके बाद ही कुछ हो सकेगा।

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