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मुरादाबाद में बोतल बंद पेयजल माफिया सक्रिय, सार्वजनिक स्थलों के हैंडपंप खराब

यह प्यास है बड़ी श्लोगन... तो हर किसी ने सुन रखा है, जिसका फायदा बोतल बंद पेयजल माफिया उठा रहे हैं। मुरादाबाद और उसके आसपास सार्वजनिक स्थलों पर बोतल बंद पेयजल माफिया सक्रिय हो चुके हैं।

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Anupam Singh
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मुरादाबाद डिपो में लगा हैंडपंप और बाहर बिकता बोतल बंद पानी। Photograph: (छायाकार- हिमांशु शुक्ला।)

मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।

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यह प्यास है बड़ी श्लोगन... तो हर किसी ने सुन रखा है, जिसका फायदा बोतल बंद पेयजल माफिया उठा रहे हैं। मुरादाबाद और उसके आसपास सार्वजनिक स्थलों पर बोतल बंद पेयजल माफिया सक्रिय हो चुके हैं। इन पेयजल माफियाओं ने सरकारी पेयजल व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया है। इसके पीछे उनका यही मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा पानी की बोतल बिके और उनकी अधिक से अधिक कमाई हो। 

दरअसल गर्मी का सीजन शुरू हो चुका है। इसको देखते हुए सभी को पानी की जरूरत महसूस होती है। मगर आपको जानकर चौंक जाएंगे कि मुरादाबाद शहर के जितने भी सार्वजनिक स्थल है, चाहे वह जिला अस्पताल हो, रेलवे अस्पताल हो, रोडवेज बस स्टेशन हो या प्रमुख चौराहे। सभी जगह सरकार की ओर से जो सरकारी हैंडपंप लगाए गए थे। उन सभी हैंडपंपों को गर्मी आते-आते खराब कर दिया गया है। 

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अस्पताल के बाहर धड़ल्ले से बिक रहा है बोतल बंद पानी।
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 बोतल बंद पानी खरीदना हो गई है मजबूरी 

मुरादाबाद सार्वजनिक स्थलों पर जब सरकारी हैंडपंपों को खराब कर दिया गया है तो वहां पहुंचने वाले लोगों को प्यास लगने पर बोतल बंद पानी खरीदना उनकी मजबूरी बन गई है। ग्रामीण क्षेत्रों से शहर आने वाले लोगों के पास घर जाने के लिए किराया हो या ना हो मगर पीने का पानी की बोतल खरीदना उनकी मजबूरी बन गई है और एक लीटर वाली लोक बोतल वह 20 रुपये में खरीदते हैं।

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मुरादाबाद के रेलवे हॉस्पिटल के सामने सरकारी नल का हत्था गायब।
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 2400 में से एक भी हैंडपंप सही नहीं दिखाई पड़ता 

नगर निगम के आंकड़ों पर अगर हम गौर करें तो मालूम चलता है कि मुरादाबाद शहर में दो हजार 400 सरकारी हैंड पंप लगे हुए हैं। मगर यह सारे सरकारी हैंडपंप कहीं भी देखने को नहीं मिलते हैं। अगर कीं हैंडपंप दिख भी जाए तो उन हैंडपंपों से पानी निकालना आसान नहीं है। 

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मुरादाबाद के महिला जिला चिकित्सालय में खराब पड़ा सरकारी नल।
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 कहीं नगर निगम की भी साजिश तो नहीं 

सार्वजनिक स्थलों पर जहां पर बोतल बंद पानी अधिक बिकते हैं, जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, जिला अस्पताल, महिला अस्पताल, कचहरी आदि जगह लगे हैंडपंप अगर खराब है तो कहीं यह बोतल बंद पेयजल माफिया के साथ मिलकर नगर निगम के अधिकारियों की साजिश तो नहीं कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि गर्मी को देखते हुए इन सार्वजनिक स्थलों पर एक नहीं दो-दो हैंड पंप नगर निगम को लगाने चाहिए, जिससे एक अगर खराब हो जाए तो दूसरे हैंडपंप से लोगों को पीने का पानी आसानी से उपलब्ध हो सके।

खराब हैंडपंपों को ठीक कराया जाएगा: सिंह

अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह ने बताया कि गर्मी को देखते हुए शहर के जितने भी हैंडपंप हैं। उन्हें ठीक कराया जाएगा।

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