MDA की कई करोड़ की प्रॉपर्टी को चट कर गई अफसरशाही की 'दीमक' !
जो फ्लैट एमडीए 30 लाख रुपये में मुरादाबाद के लोगों को बेच रहा है। उस फ्लैट में ना तो दरवाजा है, ना खिड़कियां है। ना ही टोटी लगी है। ना ही कंबोड सीट है। ना ही सिंक है। ना ही वाश बेसिन है। प्लास्टर जगह-जगह से गिर गये हैं। बिजली के तार तक गायब हैं।
मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (एमडीए) की कई करोड़ की प्रॉपर्टी में चोरी हुई है। ताज्जुब की बात यह है कि एमडीए के अधिकारियों की इसकी भनक तक नहीं है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि चोर कोई और नहीं, बल्कि एमडीए के अधिकारी स्वयं है। अब बात कितनी सच है। यह तो एमडीए के अधिकारी ही जाने। बहरहाल एमडीए की ओर से चोरी की एफआईआर दर्ज न करवाना। स्थानीय लोगों की बातों को पुख्ता करता है।
हम बात कर रहे हैं कुछ वर्ष पूर्व एफसीआई दफ्तर से आगे ढक्का रोड पर एमडीए की ओर से बनाये गये टू-बीएचके फ्लैट के बारे में। जी हां, कई करोड़ की लागत से यहां पर चार मंजिला फ्लैट बनाये जाने का एमडीए ने खाका खींचा। ठेकेदार ने फ्लैट बना करके एमडीए को हैंडओवर भी कर दिया। तकनीकी जांच के बाद एमडीए ने ठेकेदार को करोड़ों का भुगतान कर दिया।
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एमडीए 30 लाख में बेच यह रहा है फ्लैट
ढक्का रोड पर बनाये गये टू-बीएचके फ्लैट की कीमत बिक्री के लिए एमडीए ने 30 लाख रुपये रखी है। आज भी एमडीए की इसी दर से फ्लैट की बिक्री पहले और पहले पाओ के आधार पर कर रहा है। मगर फ्लैट की एमडीए ने जो हालत कर रखी है। उसके शायद आप दो-चार लाख रुपये भी नहीं देंगे।
करोड़ों की लागत से बने इन फ्लैटों के सभी टॉवरों निकाल लिये गये दरवाजे, चौखट व खिड़किंया।
फ्लैट में ना खिड़कियां, ना दरवाजे, ना बिजली के तार और ना ही टोटी
जो फ्लैट एमडीए 30 लाख रुपये में मुरादाबाद के लोगों को बेच रहा है। उस फ्लैट में ना तो दरवाजा है, ना खिड़कियां है। ना ही टोटी लगी है। ना ही कंबोड सीट है। ना ही सिंक है। ना ही वाश बेसिन है। प्लास्टर जगह-जगह से गिर गये हैं। बिजली के तार तक गायब हैं। बिजली के होल्डर, स्विच बोर्ड तक नहीं है।
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एमडीए के अधिकारी ले गये दरवाजे और खिड़कियां
30 लाख रुपये के इस फ्लैट के बारे में जब वहां के स्थानीय लोगों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि दरवाजे, खिड़कियां, बिजली के तार, स्विच बोर्ड, टोटी आदि सब एमडीए के अधिकारी निकलवा ले गये। उन्होंने अपने घरों में लगवा लिया। अगर ऐसा नहीं होता तो एमडीए चोरों के खिलाफ एफआईआर जरूर दर्ज करवाता।
हर फ्लोर हुआ खंडहर में तब्दील। Photograph: (हिमांशु शुक्ला।)
जानकारी में नहीं है : संपत्ति अधिकारी
इस संदर्भ में जब एमडीए के उपाध्यक्ष शैलेश कुमार से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उन्हें सरकार की ओर से मिला सरकारी नंबर 9997951655 नहीं उठाया। तत्पश्चात संपत्ति अधिकारी अरुण शर्मा से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि फ्लैट की कीमत 30 लाख रुपये है। पहले आओ और पहले पाओ के शर्त पर बिक्री की जा रही है। फ्लैट की रखवाली की जाती है। वहां चौकीदार रहता है। दरवाजे पल्ले गायब होने की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा हुआ है तो एफआईआर दर्ज करवाई् जाएगी।
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